फांसी का इंतजार कर रही शबनम बरेली जेल में शिफ्ट, फोटो वायरल मामले में 2 पुलिसकर्मी सस्पेंड

UP के अमरोहा के बावनखेड़ी की रहने वाली शबनम को हाल ही में फांसी की सजा सुनाई गई है। उसने 13 साल पहले अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी थी। शबनम रामपुर जेल में बंद थी, लेकिन सोमवार को उसे बरेली जिला जेल में शिफ्ट कर दिया गया। शबनम की मुस्कराते हुए फोटो रामपुर जेल से सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इस मामले में जांच के बाद दोषी पाए गए दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।

26 जनवरी को वायरल हुई थीं तस्वीरें
रामपुर जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया ने बताया कि 26 जनवरी को शबनम की कुछ तस्वीरें जेल से वायरल हुई थीं। जांच में वे सही पाई गईं और इस मामले में दो बंदी रक्षकों- महिला सिपाही नाहिद बी और पुरुष सिपाही शुएब को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही सुरक्षा कारणों के चलते शबनम को बरेली जेल शिफ्ट कर दिया गया है।

13 साल पहले शबनम ने परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी थी
शबनम ने 15 अप्रैल 2008 को अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने पिता शौकत अली, मां हाशमी, भाई अनीस अहमद, उसकी पत्नी अंजुम, भतीजी राबिया और भाई राशिद के साथ ही अनीस के 10 महीने के बेटे अर्श की हत्या कर दी थी। सभी को पहले दवा देकर बेहोश किया गया और इसके बाद अर्श को छोड़कर बाकी लोगों को कुल्हाड़ी से काट दिया। शबनम ने अर्श का गला दबाकर उसकी हत्या की थी।

जांच में पता चला था कि शबनम प्रेगनेंट थी, लेकिन परिवार वाले सलीम से उसकी शादी के लिए तैयार नहीं थे। इसी वजह से शबनम ने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर पूरे परिवार की हत्या कर दी।

शबनम ने जेल में ही बेटे को जन्म दिया
जेल में रहने के दौरान शबनम ने 14 दिसंबर 2008 को बेटे को जन्म दिया था। उसका बेटा जेल में उसके साथ ही रह रहा था। 15 जुलाई 2015 में वह जेल से बाहर आया। इसके बाद शबनम ने बेटे को अपने कॉलेज फ्रेंड उस्मान सैफी के पास छोड़ दिया। शबनम ने उस्मान को बेटा सौंपने से पहले दो शर्तें भी रखी थीं। पहली ये कि उसके बेटे को कभी भी उसके गांव में न ले जाया जाए, क्योंकि वहां उसकी जान को खतरा है और दूसरी शर्त ये थी कि बेटे का नाम बदल दिया जाए।

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