फ्रांस-ताइवान के बीच बढ़ता सुरक्षा सहयोग चीन के लिए खतरे की घंटी!

हाल ही में छपी द जापान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार ताइवान यूरोपियन देशों की मदद से अपने देश में ही Submarine प्रोजेक्ट बना रहा है। रिपोर्ट के अनुसार ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने यह बात मानी है कि ताइवान के Submarine प्रोजेक्ट को अमेरिका के अलावा और भी देशों से मदद मिल रही है। बता दें कि, रिपोर्ट में जिन यूरोपियन देशों का दावा किया गया है, उनमें से एक देश फ़्रांस है।

फ़्रांस और ताइवान के बढ़ते रिश्ते को देखते हुए यह अनुमान लगाना आसान है कि ताइवान को मिलिट्री के तौर पर मजबूत और सशक्त बनाने में फ़्रांस का बहुत बड़ा योगदान है। हाल में ही आई Reuters की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने फ़्रांस को चेतावनी दी थी कि अगर फ़्रांस का कोई सरकारी अफसर ताइवान के किसी अफसर से मिलता है तो यह चीन की ‘One-China Policy’ का उल्लंघन होगा।चीनी राजदूत ने फ़्रांस के सांसदों को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि, “फ्रांसीसी Senators को फ़्रांसीसी राज्य संस्था का आधिकारिक सदस्य होने के नाते चीन की One-China नीति का पालन करना चाहिए। साथ ही ताइवान के अधिकारियों के साथ किसी भी प्रकार का आधिकारिक संपर्क करने से बचना चाहिए”

चीन की चेतावनी को लेकर फ्रांस ने जवाब दिया कि फ्रांस के सांसदों और Senators को जिससे मिलना, वो मिले उनके ऊपर किसी प्रकार की रोक टोक नहीं है। चीन के पत्र के जवाब में फ़्रांस की तीखी प्रतिक्रिया इस बात का उदाहरण है कि अब फ्रांस ताइवान को लेकर अपने नीति में चीन की एक नहीं सुनेगा।

इतना ही नहीं, इससे पहले भी फ्रांस के Senators ने एक बिल लाने का फैसला किया है। बिल के तहत फ़्रांस ताइवान को अंतराष्ट्रीय संगठनों से जुड़ने के लिए पुरजोर समर्थन करेगा, क्योंकि ताइवान चीन की ‘One-China’ नीति के तहत चीन का हिस्सा है। फ़्रांस Senators द्वारा लाए जाने वाला यह बिल ताइवान को WHO, The International Civil Aviation Organization (ICAO), The UN Framework Convention on Climate Change और The International Criminal Police Organization जैसे अंतराष्ट्रीय संगठनों का हिस्सा बनाया जाएगा। 

बता दें कि, बिल में ताइवान की प्रशंसा की गई है कि कैसे ताइवान बिना कड़े लॉकडाउन के नियम लगाए कोरोना महामारी को काबू करने में सफल साबित हुआ है। ताइवान में कोरोना महामारी की वजह से अभी तक मात्र 10 लोगों की जान गई है। बिल में कोरोना से लड़ने के लिए Taiwan-मॉडल का ज़िक्र किया गया है। साथ ही में बिल में यह भी ज़िक्र किया गया है कि ताइवान ने 31 दिसम्बर 2019 को ही WHO को कोरोना संक्रमण के बारे में सचेत कर दिया था।

ताइवान ने WHO को सूचित किया था कि कोरोना वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान तक फैलने में सक्षम है, लेकिन WHO ने Taiwan की बात नहीं मानी। बिल में कहा गया है कि Taiwan को अंतराष्ट्रीय संगठनों का हिस्सा बनना विश्व कल्याण के लिए ज़रूरी है।

अगर हम हाल में हुए घटनाक्रम पर ध्यान दें तो साफ संकेत मिलता है कि फ़्रांस खुले तौर पर Taiwan के साथ खड़ा है। फ़्रांस अपने और चीन के रिश्तों को दाव पर लगाकर संभवत: ताइवान के Submarine प्रोजेक्ट में उसका साथ दे रहा है। Emmanuel Macron का चीन के लिए नीति साफ बता रही है कि फ़्रांस का रवैया चीन के प्रति बिगड़ता जा रहा है। साथ ही में फ़्रांस ताइवान को सशक्त बनाकर चीन को कूटनीति अथवा मिलिट्री के तौर पर कमजोर करने की तैयारी में जुटा हुआ है।

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