ब्रिटेन में स्कूल खुलते ही बजने लगी खतरे की घंटी, 7 से 11 साल के हर 37 में से एक बच्चा कोरोना संक्रमित

लंदन । ब्रिटेन में 7 से 11 साल के हर 37 बच्चों में से एक बच्चा कोरोना संक्रमित मिल रहा है। एक सितंबर को अधिकांश स्कूल खुल गए है। ब्रिटेन में स्कूल खुलते ही कोरोना वायरस के खतरे की घंटी भी बज गई। यहां 11 सितंबर तक रेंडम जांच के दौरान 2.74 फीसदी स्कूली बच्चे संक्रमित मिले। सांख्यिकी विभाग के अनुसार इंग्लैंड में आम लोगों की रेंडम जांच में 80 में से एक व्यक्ति पॉजिटिव पाया गया, सबसे ज्यादा संक्रमण का स्तर हर 45 में से एक स्कॉटलैंड में सामने आया है।


स्कॉटलैंड की फर्स्ट मिनिस्टर निकोला स्टर्जन ने एंबुलेंस व्यवस्था के लिए सेना की मदद का आग्रह किया है।वहीं, इंग्लैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्कूलों को 3 लाख एयर मॉनिटर्स मुहैया कराए हैं। इनके जरिए क्लासरूम में हवा की क्वालिटी की निरंतर जांच की जाती है।प्रो. कैथरीन नोआकीस के अनुसार हवादार क्लासरूम से संक्रमण का खतरा 70 फीसदी तक कम होता है.ब्रिटेन के अस्पतालों में कोरोना संक्रमण से जूझ रहे हजारों मरीजों के लिए नए एंटीबडी उपचार को अपनाने का फैसला लिया गया है।अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कोरोना संक्रमण के दौरान जिस रोनाप्रेव नामक एंटीबडी उपचार का इस्तेमाल किया गया था उसका इी इस्तेमाल किया जाना है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने कहा, ‘ब्रिटेन के अस्पतालों में हमने उन मरीजों के लिए नए उपचार की शुरुआत की है, जिन्हें बहुत अधिक खतरा है।इस उपचार के जरिए अगले हफ्ते से ही हम संक्रमितों को बचाना शुरू कर देंगे.’ उन्होंने बताया कि यह दवा उन कोरोना मरीजों को दी जाएगी जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है।जिनमें संक्रमण से पीड़ित होने या कोरोना वैक्सीन लगने के बाद भी कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबडी नहीं बन पाती।


बता दें कि ब्रिटेन में शनिवार को कोरोना संक्रमण के 30,144 नए मामले सामने आए और 164 नई मौतें दर्ज की गई। उल्लेखनीय है कि दो मोनोक्लोनल एंटीबडी का मिश्रण रोनाप्रेव अस्पतालों में शुरू में उन लोगों को दिया जाएगा, जिनमें कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबडी प्रतिक्रिया नहीं हुई।इस उपचार का इस्तेमाल पिछले वर्ष तब किया गया था, जब डोनाल्ड ट्रंप को कोरोना वायरस संक्रमण हुआ था और उन्हें प्रायोगिक दवाएं दी जा रही थीं।

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