भारतीय पुरुष हॉकी टीम के फॉरवर्ड सुनील ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी को कहा अलविदा

रूपिंदर पाल सिंह और बीरेंद्र लाकड़ा के बाद अब भारतीय पुरुष हॉकी टीम के फॉरवर्ड एसवी सुनील ने भी अंतरराष्ट्रीय हॉकी को अलविदा कह दिया है। सुनील ने साल 2007 में एशिया कप से अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया था, तब भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को हराया था। दो बार के ओलंपियन रहे सुनील बेहतरीन प्रदर्शन के साथ एक दशक से अधिक समय तक भारतीय फॉरवर्डलाइन का केंद्र बने रहे। वह 2011 की एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में स्वर्ण और 2012 में रजत जीतने वाली भारतीय टीम में शामिल थे। इस खिलाड़ी ने भारतीय टीम की ओर से 264 मैचों में 72 गोल किए हैं।

सुनील ने सोशल मीडिया पर अपने एक बयान में कहा, मेरा शरीर कहता है कि मैं इसे अभी भी कर सकता हूं, मेरा दिल कहता है कि इसके लिए जाओ पर मेरा मन कहता है ब्रेक लेने का सही समय आ गया है। भारतीय टीम की जर्सी पहनने के 14 साल से अधिक समय बाद पहली बार मैं अगले सप्ताह शुरू होने वाले राष्ट्रीय शिविर में शामिल नहीं रहूंगा।

यह मेरे लिए एक बेहद कठिन फैसला है। मैंने हमेशा ओलंपिक में अपनी टीम को पोडियम पर लाने में मदद करने का सपना देखा था। उन्होंने कहा, मैं खेल के छोटे प्रारूप में खेलने के लिए उपलब्ध रहूंगा और भारतीय हॉकी के साथ किसी भी क्षमता में शामिल रहूंगा जो हॉकी इंडिया मुझसे चाहता है। वह एशिया कप 2017 में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे। उन्होंने 2016 और 2018 एफआईएच चैंपियंस ट्रॉफी में टीम की ऐतिहासिक रजत पदक जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वहीं हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्र निंगोंबा ने सुनील को उनके 13 साल से अधिक के अविश्वसनीय करियर और भारतीय हॉकी में उनके योगदान के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, एसवी सुनील युवा हॉकी खिलाड़ियों की एक पूरी पीढ़ी के लिए प्रेरणा रहे हैं, उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं।

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