मध्यप्रदेश के चार बड़े शहरों में कोरोना ने मचाया हाहाकार, जबलपुर के 2 अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म होने से 5 मरीजों की मौत


मध्यप्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से मौतों का सिलसिला रुक नहीं रहा है। जबलपुर में लिक्विड प्लांट में आई खराबी के कारण ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से गुरुवार सुबह 5 मरीजों की मौत हो गई। सभी वेंटिलेटर पर थे। वहीं 4 की हालत गंभीर है। यहां के मेडिसिटी अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने से वेंटिलेटर पर 82 वर्षीय महिला की तड़प-तड़प कर जान चली गई। वहीं 4 की मौत सुख-सागर मेडिकल कॉलेज में हुई है।

मध्य प्रदेश के पशुपालन सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने कहा कि कोरोना से मरने वालों को कोई नहीं रोक सकता है। मैं अकेला नहीं कह रहा हूं। सभी कह रहे हैं। उम्र हो जाती है तो उसको मरना ही पड़ता है। मंत्री कोरोना से मौतों के सवाल पर जवाब दे रहे थे। इधर CM शिवराज सिंह के बेटे कार्तिकेय सिंह और दमोह उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन संक्रमित हो गए हैं।

भोपाल, सागर और इंदौर में ऑक्सीजन की कमी से कई कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी हैं। इंदौर में मरीजों के परिजनों से सिलेंडर मांगा जा रहा है। इस बीच सरकार ने 13 जिलों में नए ऑक्सीजन प्लांट खोलने की घोषणा की है।

पिछले 24 घंटे में मध्यप्रदेश के 4 बड़े शहरों में ही 4635 नए केस आए हैं और 25 मौतें हुई हैं। एक दिन पहले इन चार शहरों में 4511 केस आए थे और 24 की मौत हुई थी। सबसे ज्यादा नए केस इंदौर में 1693 नए मामले आए और छह कोरोना मरीजों की मौत हो गई। भोपाल में 1637 संक्रमित मिले, 8 लोगों की मौत हो गई। जबलपुर 653 मरीज आए और छह मरीजों की जान चली गई। ग्वालियर में 652 पॉजिटिव मिले और पांच ने जान गंवाई। बुधवार को गुना, रायसेन, रीवा, टीकमगढ़ और छतरपुर में भी लॉकडाउन लगा दिया गया है। अब तक प्रदेश के 52 जिलों में से 28 जिलों में या उनके शहरी क्षेत्रों में लॉकडाउन लगाया जा चुका है।

इंदौर में 3 हजार मरीज गंभीर, 100 टन ऑक्सीजन की जरूरत

इंदौर में अप्रैल के 13 दिन में ही एक्टिव मरीजों की संख्या दोगुना हो चुकी है। एक्टिव केस 10351 हैं। इसमें से तीन हजार मरीज आईसीयू व एचडीयू में गंभीर स्थिति में भर्ती हैं। इस वजह से ऑक्सीजन की खपत 100 टन रोज पर जा पहुंची है, जबकि सप्लाई 60-70 टन ही है। महाराष्ट्र-गुजरात से सप्लाई बहुत कम हो रही है। अस्पतालों में मरीजों के परिजन ड्यूटी दे रहे हैं। जैसे ही बताया जाता है, ऑक्सीजन कम हो रही है। परिजन सिलेंडर भरवाने दौड़ जाते हैं। कार, बाइक, ऑटो से दिन में दो से तीन बार परिजन को सिलेंडर लाना पड़ रहे हैं। वहीं, बेड की कमी देखते हुए प्रशासन ने राधास्वामी सत्संग व्यास को भी कोविड केयर सेंटर बनाने का काम शुरू कर दिया। शुरू में 500 बेड की क्षमता होगी जिसे बाद में 2000 बेड तक बढ़ा दिया जाएगा। यहां गत्ते के बेड बनाए जा रहे हैं।

भोपाल में सबसे ज्यादा 8 मौतें
24 घंटे में भोपाल में सबसे ज्यादा 8 मौतें हुई हैं, जो प्रदेश के अन्य शहरों से ज्यादा है। वहीं दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा 1637 संक्रमित मिले हैं। एक दिन पहले 1497 मरीज मिले थे। यहां जैसे-जैसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे शहर में सख्ती बढ़ाई जा रही है। लॉकडाउन का पालन कराने के लिए 157 जगहों पर बैरिकेडिंग की गई है। 2 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।

जबलपुर: 12 दिनों में 200 से बढ़कर 600 आने लगे नए केस
मध्यप्रदेश की संस्कारधानी में कोरोना संक्रमण की रफ्तार ने सारे रिकॉर्ड पीछे छोड़ दिए हैं। पिछले 14 दिनों में हर दिन पिछले की तुलना में अधिक संक्रमित सामने आए हैं। 12 दिनों में 200 से बढ़कर 600 नए केस मिलने लगे हैं। पिछले 24 घंटे में 653 नए केस आए, जहां छह मरीजों ने जान गंवाई है। 2847 सैंपल की जांच की गई थी। ये आंकड़ा इस कारण और चिंता बढ़ाने वाली है कि लॉकडाउन और कोरोना कर्फ्यू का भी कोई फायदा नहीं हो पा रहा है। इसमें भी गंभीर मरीजों की संख्या 600 से अधिक पहुंच गई है। सभी वेंटिलेटर के सहारे जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। बुधवार को यहां के रिछाई प्लांट में खराबी के कारण मुसीबत और बढ़ गई है। अस्पतालों में पुलिस तैनात करनी पड़ी है।

ग्वालियर: थोड़ी राहत, 150 केस कम आए
यहां पिछले 24 घंटे में थोड़ी राहत की बात रही। 652 संक्रमित मिले और 5 की मौत हुई है, जबकि इसके एक दिन पहले 801 केस मिले थे और 9 लोगों की मौत हुई थी। बुधवार को 2285 लोगों के सैंपल की रिपोर्ट आई। एक्टिव केस बढ़कर 3951 हो गए हैं। बुधवार को सबसे ज्यादा संक्रमित मुरार और लश्कर एरिया में निकले हैं। जिस कारण आधा सैकड़ा स्थानों पर माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। बाजारों में शादियों की खरीदारी और कोरोना कर्फ्यू के डर से उमड़ी भीड़ भी कोरोना संक्रमण के बढ़ने का एक बड़ा कारण है।

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