महाराष्ट्र में बुधवार रात 8 बजे से 1 मई सुबह 7 बजे तक लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगा दी गई हैं। इसे ब्रेक द चैन अभियान का नाम दिया है। पूरे राज्य में धारा 144 लगा दी गई है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार शाम ये घोषणा की। उन्होंने महाराष्ट्र की जनता से कहा कि अगर जरूरी न हो तो घर से न निकलें। हालात काबू में करने के लिए सख्ती करनी होगी। हर चीज की कुछ क्षमताएं होती हैं। राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था का भी यही हाल है। इस पर ज्यादा भार पड़ेगा तो सभी को परेशानी होगी। अगले एक महीने तक शिव भोजन योजना के तहत गरीबों को खाने की थाली मुफ्त दी जाएगी।
राज्य में 12वीं बोर्ड की परीक्षा 23 अप्रैल से और 10वीं की परीक्षा 30 अप्रैल से शुरू होने वाली थीं। स्कूल शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने बताया कि महाराष्ट्र में कोविड-19 के मौजूदा हालात के मद्देनजर 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को टालने का फैसला किया है।
मौत के आंकड़े नहीं छिपा रही महाराष्ट्र सरकार
उद्धव ने कहा कि पंढरपुर में 2-3 दिन में वोटिंग होने वाली है, इसलिए वहां ये नियम मतदान के बाद से लागू होंगे। उन्होंने कहा कि हम मौत के आंकड़े या कोरोना के केस छिपाने की कोशिश बिल्कुल नहीं कर रहे हैं। प्रधानमंत्री से हमारी मांग है कि हमें और ऑक्सीजन की जरूरत पड़ सकती है। अभी राज्य में 12 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन रोज हो रहा है। इसमें से एक हजार मीट्रिक टन कोविड-19 में इस्तेमाल हो रही है। बीच में रेमडेसिविर इंजेक्शन का प्रोडक्शन कम हो गया था, लेकिन अब वह बाजार में मिलने लगा है। हम समाज के अलग-अलग लोगों से बात कर रहे हैं। लॉकडाउन को लेकर सबका अलग-अलग मत है। ये वक्त हाथ से निकल गया तो स्थिति और गंभीर हो जाएगी।
CM ठाकरे की PM मोदी से 5 मांग
- एयर फोर्स के हवाई जहाज से ऑक्सीजन की सप्लाई की जाए।
- GST की फाइलिंग डेट 3 महीने आगे बढ़ाई जाए।
- लोगों के आर्थिक नुकसान को कम करने के लिए, केंद्र सरकार मदद करे।
- ब्रिटेन की तरह हमारे यहां भी बड़ी तादाद में वैक्सीनेशन होना चाहिए।
- नए MBBS ग्रेजुएट्स की तैनाती की जाए।
नालासोपारा में ऑक्सीजन खत्म होने से 3 घंटे में 7 मरीजों की मौत
संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों के बीच मुंबई से सटे नालासोपारा के विनायक हॉस्पिटल में देर रात सिर्फ 3 घंटे में ICU में एडमिट 7 मरीजों की मौत हुई है। परिवार का आरोप है कि हॉस्पिटल में ऑक्सीजन का स्टॉक खत्म हो गया था और इसी वजह से मरीजों की मौत हुई। वहीं हॉस्पिटल की सफाई है कि मृत हुए सभी मरीज अन्य गंभीर बिमारी से ग्रसित थे और जब उन्हें एडमिट करवाया गया था उनमें 30-40 प्रतिशत ही ऑक्सीजन लेवल था।
9 मार्च के बाद पहली बार 52, 312 मरीज ठीक हुए
महाराष्ट्र में सोमवार को 51,751 नए मरीज आए तो 52,312 ठीक भी हुए और 258 लोगों की मौत हुई। 9 मार्च के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि जब नए मरीजों के मुकाबले ठीक होने वालों का आंकड़ा ज्यादा रहा हो। ये थोड़ी राहत की बात तो है, लेकिन हालात कंट्रोल में नहीं हैं।
इससे एक दिन पहले राज्य में संक्रमण के 63,294 मामले सामने आए थे। मुंबई में सोमवार को 6,893 नए मामले सामने आए और 43 मरीजों की मौत हो गई। राज्य में अब संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 34 लाख 58 हजार 996 हो गए हैं और मृतकों की संख्या 58,245 पहुंच गई है।
वीकेंड लॉकडाउन के ठीक एक दिन बाद राज्य में कोरोना के मामलों में सिर्फ एक दिन में करीब 18.3% कमी देखने को मिली है। महाराष्ट्र में अब 5 लाख 64 हजार 746 एक्टिव पेशेंट हैं। संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने गुड़ी पड़वा और रमजान को लेकर सख्त गाइडलाइंस जारी की हैं।
रमजान को लेकर भी नियम सख्त
- घर पर ही नमाज अदा करें। मस्जिदों में भीड़ न बढ़ाएं।
- धार्मिक स्थल जल्द ही बंद हो जाएंगे, इसलिए वाज यानी सामूहिक नमाज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आयोजित करें।
- खरीदारी के लिए बाजार में भीड़ न करें और न ऐसा होन दें।
- अलविदा जुमे की नमाज भी घर पर ही अदा करें, सड़कों पर भीड़ लगाने से बचें।
- इस रमजान किसी भी तरह के सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
- रमजान पर गलियों या सड़कों पर कोई अस्थायी स्टॉल नहीं लगेगी। स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है कि सहरी और इफ्तारी के वक्त कहीं भी भीड़ जमा न होने दें।
- धर्म गुरुओं से अपील की गई है कि वे लोगों में कोरोना वायरस की गाइडलाइंस को लेकर जागरूकता फैलाएं, ताकि संक्रमण की चेन तोड़ी जा सके।
आइए जानते हैं इस दौरान किन-किन चीजों को छूट रहेगी और किन्हें नहीं
– 14 अप्रैल रात 8 बजे से पूरे राज्य में धारा 144 लागू होगी यानी एक जगह पर 4 या उससे ज्यादा लोगों के इकट्ठे होने पर रोक
– राज्य में 15 दिनों तक संचार पर प्रतिबंध
– जरूरी काम न हो तो घर से न निकलें
– पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर पाबंदी नहीं यानी लोकल, बसें, हवाई जहाज समेत पब्लिक ट्रांसपोर्ट के सभी साधन खुले रहेंगे
– पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सिर्फ अत्यावश्यक सेवाओं में लगे लोगों के लिए खुला रखा जाएगा
– अत्यावश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाओं पर रोक रहेगी
-अत्यावश्यक उद्योग पूरी क्षमता के साथ काम करेंगे
– ट्रांसपोर्ट पर पाबंदी नहीं है लेकिन सिर्फ अत्यावश्यक सेवाओं में लगे लोगों के लिए खुली रहेंगी
– ऑटो रिक्शा में ड्राइवर के अलावा सिर्फ 2 यात्रियों को इजाजत
– चार पहिया टैक्सियों में यात्रियों की कुल क्षमता के आधे यात्रियों को ही इजाजत
– बसों में जितनी सीटें हैं, उतने यात्रियों को इजाजत। किसी यात्री को बस में खड़े होने की इजाजत नहीं होगी।
– प्राइवेट गाड़ियां को सिर्फ इमर्जेंसी की सूरत में इजाजत, उल्लंघन पर 1 हजार रुपये का जुर्माना
– अत्यावश्यक सेवाओं से जुड़ी दुकानों को ही इजाजत
– किराना, सब्जी, फल, दूध, बेकरीज, कन्फेक्शनरीज और सभी तरह के फूड शॉप को इजाजत
– मेडिकल स्टोर खुले रहेंगे
– बैंक, एटीएम, पोस्ट ऑफिस खुले रहेंगे
– ई-कॉमर्स सेवाएं (सिर्फ अत्यावश्यक सामानों और सेवाओं के लिए), मीडिया, पत्रकारों को इजाजत
– पेट्रोल पंप खुले रहेंगे
– घरेलू गैस की सप्लाई जारी रहेगी
– कंस्ट्रक्शन से जुड़े लोग उसमें काम करने वाले लोगों के लिए साइट के पास ही व्यवस्था करें
– होटल, रेस्टोरेंट बंद रहेंगे लेकिन फूड पार्सल की इजाजत
– सड़क किनारे खाना बेचने वाले सुबह 7 से रात 8 बजे तक पार्सल देने की अनुमति
-सभी सरकारी और प्राइवेट सिक्यॉरिटी सर्वेसेज को इजाजत
अति आवश्यक कैटिगरी में क्या-क्या है
– अस्पताल, डायग्नोस्टिक सेंटर, क्लीनिक, वैक्सीनेशन, मेडिकल इंश्योरेंस ऑफिस, फार्मेसीज, फार्मास्यूटिकल कंपनियां और अन्य मेडिकल व हेल्थ सर्विसिज (उनकी सप्लाई चेन और ट्रांसपोर्टेशन समेत)
– वेटरिनजरी सर्विसेज और पेट फूड शॉप्स
– ग्रोसरीज, सब्जी की दुकानें, फ्रूट वेंडर, डेयरी, बेकरी, कन्फेक्शनरीज और सभी तरह के फूड शॉप।
-कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस सर्विसेज
-पब्लिक ट्रांसपोर्ट- एरोप्लेन, ट्रेन, टैक्सी, ऑटो, पब्लिक बस
-तमाम देशों के राजनयिकों के दफ्तरों के कामकाज से जुड़ी सेवाएं
-लोकल अथॉरिटीज की तरफ से प्री-मॉनसून ऐक्टिविटीज
– लोकल अथारिटीज की सभी पब्लिक सर्विसेज
– गुड्स ट्रांसपोर्ट यानी माल परिवहन
– वॉटर सप्लाई सर्विस
– खेती से जुड़ी गतिविधियां
– ई-कॉमर्स सिर्फ अत्यावश्यक वस्तुओं और सेवाओं के लिए
– पेट्रोल पंप, पेट्रोलियम से जुड़े प्रोडक्ट्स के प्रोडक्शन
– सभी कार्गो सर्विसेज
– महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर और सर्विसेज से जुड़े डेटा सेंटर, क्लाउड सर्विसेज और आईटी सर्विसेज
– सरकारी और प्राइवेट सिक्यॉरिटी सर्विसेज
– इलेक्ट्रिक और गैस सप्लाई सर्विसेज
– ऐटीएम, बैंक, डाक सेवाएं
– फायर ब्रिगेड जैसी आपातकालीन सेवाएं