मिशन 2022 के लिए BSP ने झोंकी ताकत, इन सीटों पर मायावती की पैनी नजर

लखनऊ :  अगले साल प्रस्तावित विधान सभा चुनावों में आरक्षित सीटों पर बसपा प्रमुख मायावती की विशेष नजर है। इन सीटों के सियासी गणित को अपने मुफीद करने के लिए उन्होंने पार्टी के नेताओं को विशेष रणनीति बनाने के लिए कहा है। मायावती ने मंगलवार को की गई समीक्षा बैठक में पार्टी के नेताओं से जहां आरक्षित सीटों पर जानकारी ली, वहीं पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे समय-समय पर यहां हो रहे कार्यक्रमों की जानकारी उन्हें दें।

प्रदेश में विधानसभा की 403 सीटें हैं। इनमें से 317 सीटें अनारक्षित हैं, जबकि अनुसूचित जाति (एससी) के लिए 84 और अनुसूचित जनजाति के लिए 2 सीटें आरक्षित हैं। बसपा के पुराने ट्रैक रेकॉर्ड्स को देखा जाए तो अनारक्षित सीटों के मुकाबले उसका प्रदर्शन आरक्षित सीटों पर हमेशा ही चिंता का सबब रहा है। दरअसल इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह यह है कि यहां पर अनारक्षित श्रेणी के वोटर ही निर्णायक की भूमिका में होते हैं क्योंकि आरक्षित श्रेणी के सभी वोट सभी राजनीतिक दलों में बंट जाते हैं। इसके अलावा ओबीसी वोटरों की भी बड़ी भूमिका यहां होती है।

सतीश मिश्र को दी अहम जिम्‍मेदारी
मंगलवार को समीक्षा बैठक में मायावती ने पदाधिकारियों से इन सीटों पर विशेष रणनीति तैयार करने के लिए कहा है। उन्होंने अपर कास्ट के वोटरों को अपने पाले में लाने की जिम्मेदारी बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को दी है। मायावती किस हद तक इन सीटों के लिए फिक्रमंद हैं, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि उन्होंने इन सीटों पर समीक्षा के बाद आगे की रिपोर्ट्स भी खुद की जानकारी में नियमित तौर पर लाने की बात कही है। 

सोशल इंजिनियरिंग के लिए विशेष नीति होगी तैयार
जानकारों की मानें तो इन सीटों के सोशल इंजिनियरिंग की विशेष नीति तैयार की जाएगी। सामाजिक समरसता की छोटी बैठकें विधानसभा क्षेत्र वार करवाने की योजना तैयार की जा रही है। इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा ओबीसी व मुस्लिम वोटरों को भी अपने पाले में लाने की कवायद होगी। माना जा रहा है कि इस महीने के अंत तक बैठकों का दौर शुरू हो जाएगा।

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