पिरान कलियर। साबिर-ए-पाक के 753 वें सालाना उर्स की सबसे बड़ी और अहम रस्म कुल शरीफ अदा की गई।रस्म के बाद दुआ खैर की गई। उसके बाद महफिल शमा का आयोजन किया गया।
साबिर पाक के सालाना उर्स में बुधवार सुबह 10 बजे महफिल खाने में हजरत साबिर पाक के सालाना उर्स की सबसे बड़ी और अहम रस्म कुल शरीफ दरगाह साबिर पाक के सज्जादानशीं शाह अली एजाज साबरी ने अदा कराई। इसके बाद तमाम अकीदतमन्दो के लिए शाह अली एजाज साबरी, जामा मस्जिद के इमाम हाफिज सऊद साबरी और शाह यावर अली ने बड़े जज्बे के साथ देश में अमन-ओ-अमान की दुआ कराई। कुल शरीफ की रस्म में हजरत साबीर पाक सजरा शरीफ पढ़ा गया। कुल शरीफ की रस्म मे सहाबजादा शाह यावर एजाज साबरी और दूरदराज से आए खादिमों,सूफियो सहित देश के कोने कोने से आए जायरीनों ने हिस्सा लिया। दुआ के वक्त सभी अकीदतमंदों की आँखों में आंसू छलक आए। इस दौरान तमाम अकीदतमन्द कव्वाली सुनकर रूहानियत के समंदर में डूब गए। कुल शरीफ की रस्म में सज्जादा प्रतिनिधि शाह सुहैल, शाह खालिक मियां, हाफिज मैराज साबरी, मखदूम साबरी, अहमद मियां, सूफियान बाबा, शाह असद, शाह गाजी, नय्यर अजीम फरीदी, आदिल हबीब, अनवर जमाल काजमी, राव आफाक, सफीक साबरी, सूफी राशिद साबरी, राजी मियां, नोमी मियां, सूफी इसरार साबरी आदि अकीदतमंद जायरीन मौजूद रहै।