स्टेमिना बढ़ाने को रजवाड़े करते थे इसका इस्तेमाल, आप भी इसे आजमाएं

आज हम सब  इतना व्यस्त होते जा रहें है अपने दैनिक जीवन में कि अपनी ओर हम अपने ध्यान को केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं। दिन- भर का तनाव, भाग दौड़ हमें इतना थका देता है कि घर आकर सिवाएं सोने के हमें कुछ और नहीं सूझता है। अब प्रश्न यह उठता है कि पहले के दिन में राजा महाराजा कैसे इतने ” फिट एंड फाइन ” दिखते थे। क्या वह नहीं थकते थे ? क्या वह नहीं आराम करते थे ? आज हम लोग जितना कार्य करते हैं इससे त्रिगुना कार्य राजा-महाराजा करते थे। तो फिर इतने फिट कैसे दिखते थे। आज इन राज़ों के बारे में हम आपको बताऐंगे।

जानकारी के मुताबिक राजा लोग कुछ खास नुस्खे का प्रयोग करते थे और यह नुस्खे राजाओं को उनके अपने वैद्यराज बताते थे। जी, पहले के दिनों में जब मेडिकल उपाय विकसित नहीं हुआ था, तब आयुर्वेदिक ही राज करता था और आयुर्वैदिक आज भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं कही न कही।

आज आपसे उन उपायों को हम साझा करेंगे जिनका उपयोग आप सब भी कर पाऐंगे और खुद को फिट रख पाऐंगे।

सफेद मुसली — इसका प्रयोग इन्फर्टिलिटी और स्पर्म की कमी की समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता था। आज भी आयुर्वेदिक औषधियों में इनका प्रयोग कहीं न कहीं किया जाता है। एक चम्मच मुसली पाउडर को दूध एवं मिश्री के साथ  मिलाकर रोज़ाना सुबह-शाम उसका सेवन करने से आपको इनफर्टिलिटी एवं स्पर्म की समस्याओं से छुटकारा आसानी से मिलेगा।

आज हम जन्म से ही अपने बच्चों को पौष्टिक आहार के स्थान पर मिलावटी वस्तुओं को खिला रहे हैं।गाय के दूध के स्थान पर पाउडर का दूध, रोटी के स्थान पर मैगी हरी सब्जियों के स्थान पर पिज्जा इत्यादि। बच्चे ही क्यों बड़े भी यह सब ही खाते है जिससे शरीर उम्र से पहले ही रोगग्रस्त हो जाता है। कभी रक्त की कमी तो कभी कुछ ऐसे में आपको एक वस्तु काफ़ी सारी शारीरिक समस्याओं से मुक्त कर सकती है। वह नाम है ‘केसर’।

केसर — नसों में सही तरीकों से खून का प्रभाव न होना, बार-बार रक्त की समस्याओं से जूझना, जननांगों या फर्टिलिटी की समस्याओं का होना।इससे केसर का सेवन आपको मुक्ति दिला सकता है।यदि आप थोड़े से केसर को रात्रि के समय हल्के गर्म दूध के साथ लेंगे तो आप को राहत मिलेगी।

आंवला — आंवला का प्रयोग कर काफ़ी समय से कई रोगों से छुटकारा पाया गया है। आयुर्वेदिक औषधि में आंवला का भी प्रयोग होता है।यूरिनल प्राब्लम, स्पर्म की समस्या या रक्त का प्रभाव सही तरह से न होना। ऐसे में आंवला का सेवन बेहद लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
आंवला को सूखा कर उसको पीसकर पाउडर बना लें। पाउडर जितना लेंगे ठीक उतना ही मिश्री भी सोने से पहले ले इसके बाद आप थोड़ा सा गर्म दूध भी लें।

अश्वगंधा — इस नाम को अक्सर आप आयुर्वेदिक दवाइयों में सुने होंगे। यह भी बेहद लाभकारी सिद्ध हुआ है। स्टेमिना को बढ़ाने में, फिटनेस को बरकरार रखने इसका भी योगदान काफ़ी है। यदि आपको बार-बार कमज़ोरी होती है तो आप अश्वगंधा के पाउडर को दूध के साथ ग्रहण है।

यह सभी चीज़े प्राकृतिक है और प्रकृति का हर मानव पर एक विशेष उपकार है। हम लाख पंखे की हवा खाएं परंतु प्रकृति की सुंदर ताज़ी हवा ही हमारे सेहत के लिए अच्छी होती है।राजा महाराजाओं के शासनकाल में न पंखे थे न एे.सी.। न मेडिकल सेवा थी। प्रकृति के चीज़ों का ही वैद्यों द्वारा प्रयोग होता था। वैद्यों की सलाह से ही राजा लोग तंदुरुस्त होते थे। न थकते थे न रुकते थे। आज से आप भी बिना रुके कार्य किजिए। इन प्राकृतिक चीज़ों का सेवन कर।

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