चीन की घेराबंदी के लिए ब्रिटेन आया आगे, खतरनाक एयरक्राफ्ट ‘क्वीन एलिजाबेथ’ की होगी तैनाती

चीन की विस्तारवादी नीति अब उसके लिए भारी पड़ती जा रही है. भारत ने लद्दाख सीमा पर चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया है. लेकिन चीन कुत्ते की दुम की तरह है जो कभी सीधी हो ही नहीं सकती. हॉन्ग कॉन्ग समेत कई मुद्दों को लेकर चीन की तानाशाही रवैया से परेशान होकर अब यूरोप के शक्तिशाली देश ब्रिटेन ने बड़ा कदम उठाया है. चीन को सबक सिखाने के लिए ब्रिटेन अब ऐक्शन मोड में आ गया है. अगले साल ब्रिटिश नेवी अपना सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ को पूरे फ्लीट के साथ एशिया में चीन के नजदीक तैनात करने करने जा रहा है. यह एयरक्राफ्ट कैरियर साउथ चाइना सी में जारी तनाव के बीच अमेरिका और जापान की सेना के साथ इस इलाके में बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास करने की तैयारी में जुटा है.

ब्रिटेन के इस स्टाइकर समूह में एफ-35बी लाइटनिंग फाइटर जेट के दो स्क्वाड्रन, स्टेल्थ लड़ाकू विमान, दो टाइप 45 श्रेणी के डिस्ट्रॉयर, दो टाइप 23 फिग्रेट, दो टैंकर और हेलिकॉप्टर्स का बेड़ा शामिल हैं. माना जा रहा है कि इसके चीन के नजदीक युद्धाभ्यास करने से दोनों देशों के बीच तनाव और गहरा सकता है. वहीं, चर्चा है कि इस युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया और कनाडा को भी आमंत्रित किया जा सकता है. इन दोनों देशों से भी चीन के संबंध बहुत खराब हो चुके हैं.

बता दें कि ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने एक ऑनलाइन भाषण में कहा कि अगले साल एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ दो दशकों के लिए हमारी सबसे महत्वाकांक्षी तैनाती पर भूमध्य सागर, हिंद महासागर और पूर्वी एशिया जाएगी. उन्होंने कहा कि इस दौरान यह एयरक्राफ्ट कैरियर ब्रिटिश और गठबंधन सेना को जरूरी सहायता भी देगा.

ब्रिटिश अधिकारी कई महीने पहले से क्वीन एलिजाबेथ एयरक्राफ्ट कैरियर के एशिया में तैनाती के संकेत दे रहे थे लेकिन यह पहली बार है जब खुद पीएम बोरिस जॉनसन ने इसे लेकर टिप्पणी की है. माना जा रहा है कि ब्रिटेन का यह कदम चीन को एक स्पष्ट संकेत भेजने का है. हाल के दिनों में हॉन्ग कॉन्ग को लेकर चीन और ब्रिटेन में काफी तनाव बढ़ा था.