कोरोना महामारी ने दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं की कमर तोड़ दी. भारत में लगभग हर क्षेत्र में जहां एक तरफ़ प्राइवेट सेक्टर में लोगों की नौकरियां गईं, वहीं अधिकतर लोगों को अपनी सैलरी में कटौती झेलनी पड़ी. ऐसे में लोगों के लिए यह बेहद जरूरी हो गया है कि सीमित आय में वो अपना घर चलाने के साथ-साथ भविष्य के लिए कुछ पैसे भी बचाएं.
मगर कैसे?
इस सवाल के जवाब में हम यहां कुछ ऐसे तरीकों की चर्चा करने जा रहे हैं, जिनकी मदद से सीमित आय में पैसे बचाकर भविष्य में उनका उपयोग किया जा सकता है.
1. हर चीज पर नज़र रखें, उन खर्चों को कम करें, जो जरूरी नहीं
सीमित आय को मैनेज करने की दिशा में सबसे पहला कदम अपने हर छोटे-बड़े खर्च पर नजर रखना है. ऐसा करने से आप उन खर्चों का पता लगा पाएंगे, जो गैर-जरूरी है. इससे आप उन खर्चों को कम कर सकते हैं, जिनकी आपको बहुत ज्यादा ज़रूरत नहीं होती. उदाहरण के लिए मान लीजिए आपके किचन को 5 किलो अरहर की दाल की जरूरत होती है. मगर अब तक आप 8 किलो खरीद रहे थे. अगर आप 3 किलो दाल कम खरीदेंगे तो इससे बचने वाले पैसों का उपयोग किसी अन्य राशन की खरीद में कर सकते हैं.2. अतिआवश्यक मौके पर किया जाए ई-पीएफ का इस्तेमाल
सैलरी कट और नौकरी जाने की स्थिति में इंसान अक्सर कैश की कमी का सामना करता है. ऐसे में यदि आप अपने ईपीएफ को बचाकर रखते हैं, तो जरूरत पर इसका लाभ लिया जा सकता है. बता दें, निजी कर्मचारियों के वेतन का एक हिस्सा हर महीने ई-पीएफ यानी इम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड या कर्मचारी भविष्य निधि में जरूर जमा होता होगा. हम कई बार क्या करते हैं कि कार, फोन इत्यादि खरीदने के लिए अपना ई-पीएफ निकाल लेते हैं. जबकि, इसका इस्तेमाल अति आवश्यक मौके पर किया जाए तो यह आर्थिक परेशानी की समस्या को हल कर सकता है. महामारी के दौर में आप पीएफ का 75 फीसदी हिस्सा निकाल सकते हैं.
3. वित्तीय संकट से सुरक्षा के लिए तैयार करें इमरजेंसी फंड
बड़े-बुजुर्गों से हम बचपन से सुनते आए हैं कि इंसान को बुरे वक्त के लिए कुछ पैसे बचाकर रखने चाहिए. बचत के इस पैसे को तभी इस्तेमाल करना चाहिए, जब वास्तव में कोई इमरजेंसी हो. इमरजेंसी फंड के लिए सबसे आसान तरीका है कि एक नया बैंक अकाउंट खोल लिया जाए और नियमित रूप से हर महीने उसमें एक निश्चित राशि जमा कर दी जाए. इसके अलावा अपने और परिवार की सुरक्षा के लिए लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस इत्यादि के जरिए भी इमरजेंसी फंड इकट्ठा किया जा सकता है.4. अपने सभी कर्ज़ समय पर चुकाएं, अतिरिक्त भार से बचे
मौजूदा समय में भले ही लोन लेना आम हो चला है, मगर कोशिश करें कि आप पर अतिरिक्त भार न हो. लोन तभी लें, जब आपके पास कोई विकल्प न हो. बहुत जरूरी है कि बेस्ट लोन ऑप्शन को चुनें और जब तक पूरा कर्ज चुकता नहीं हो जाए, नियमित रूप से भुगतान करते रहें. लोन कितना भी छोटा या बड़ा हो, किस्त समय पर ही चुकाएं. अगर आप समय पर अपना कर्ज चुकाते हैं तो भविष्य के लिए आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा हो जाता है. इसके अलावा आपको कुल ब्याज कम करने में भी मदद मिलती है.यूनीक और प्रीमियम लाइफस्टाइल प्रोडक्ट
5. समय के हिसाब से जीवनशैली में कुछ बदलाव ज़रूरी
समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता है. ज़रूरी है कि समय के हिसाब से इंसान को अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करने चाहिए. कठिन समय आने पर घरेलू बजट की समीक्षा करने के लिए अपने मां-बाप, पत्नी और बच्चों के साथ बैठें. परिस्थिति को नजरअंदाज करने की बजाय सच्चाई को स्वीकारें. अगर आपकी सैलरी में कटौती हो रही है तो इसका मतलब है कि आपकी जीवनशैली प्रभावित होगी. इसके लिए हमेशा तैयार रहें. घर के लिए नया बजट तैयार करें. याद रहे आपका बजट ऐसा होना चाहिए, जिसमें आपकी आय के हिसाब से खर्च का ब्योरा हो.