तिकुनियां खीरी
इंडो नेपाल सीमा पर बह रही मोहाना नदी के उफनाने व नेपाल में पहाड़ो पर अधिक वर्षा होने से हर साल बाढ़ से कई गांव बुरी तरह प्रभावित होते हैं। इससे न केवल किसानों की फसलों का भारी मात्रा में नुकसान होता है, बल्कि उन्हें अन्य तरह की परेशानियां भी होती हैं। जिला आपदा विभाग की ओर से लेखपाल के रिपोर्ट के आधार पर किसानों को फसलों का मुआवजा तो दिया जाता है किन्तु, क्षेत्र के लेखपाल रिपोर्ट लगाने और मुआवजा दिलवाने के नाम पर कथित तौर पर अवैध धन उगाही की भी बातें अक्सर सुनने में आया करती हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है कि जो कि लेखपाल रमाकान्त मिश्रा के कारनामे उजागर कर रहा है । बाढ़ से प्रभावित किसानों की आर्थिक मदद हेतु सूबे के मुखिया ने सभी लेखपालो को आदेशित किया था कि हर गरीब किसान को उनके हुए नुकसान की सूची तैयार कर भेजे । लेकिन एक किसान ने बनवीरपुर हल्का लेखपाल रमाकान्त मिश्रा पर आख्या लगाने के नाम पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है।
आपको बता दें कि विकास खण्ड निघासन के ग्राम पंचायत बनवीरपुर के हल्का लेखपाल रमाकान्त मिश्रा पर किसान हेमराज ने फसल की रिपोर्ट लगाने के नाम पर 1000 की रिश्वत लेने का आरोप लगाया है । किसान हेमराज ने बताया कि मैं बहुत दुःखी हूं। मेरी सारी फसल बाढ़ के पानी में गलकर नष्ट हो गयी। लेखपाल साहब से बात की तो उन्होंने कागज बनवाने के लिए कहा। मैंने उन्हें सारे कागज बनवाकर दिए। फिर वो मुझसे रिपोर्ट लगाने के नाम पर पैसे भी लिए उसके बाद भी कोई राहत नही मिली । वही सूत्रों से मिली जानकारी जानकारी के अनुसार किसान द्वारा दिये बयान की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कुछ लोग शाम को किसान हेमराज के घर धमकाने भी पहुँचे थेे। एक किसान ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की मेरी फसल बाढ़ में पूरी तरह नष्ट हो गयी थी, हल्का लेखपाल रमाकान्त मिश्रा ने कागज बगैरह बनवाने को बोला । जब कागज बनवाकर लेखपाल को देने गये तो लेखपाल ने 500 रुपया फसल आकलन की रिपोर्ट लगाने के लिए थे ।
वही सूत्र बताते है कि, अधिकांश लेखपालो ने अपने आफिस पर एक -एक मुंशी तैनात कर रखें हैं । कहने को तो लेखपाल के यह मुंशी उनकी मदद के लिए हैं पर सच्चाई तो यह है कि लेखपाल उनसे धन उगाही करवाने का कार्य करवा रहे हैं ।