टिकट फाइनल होने को लेकर अंतिम जोर लगाने में जुटे कांग्रेसी दावेदार, बड़े और करीबी नेताओं के सहारे टिकट की जुगत

कांग्रेस में टिकट फाइनल होने को लेकर दो दिन के भीतर स्थिति साफ होने की पूरी संभावना है। ऐसे में संभावित दावेदार अपना नाम आगे-पीछे होते देख अब अंतिम जोर लगाने में जुटे हैं। दिल्ली से लेकर दून तक परिक्रमा की जा रही है। क्योंकि, सभी को लगता है कि अगर अब चूके तो पता नहीं कब नजर आएगा। इसलिए टिकट के लिए आवेदन कर चुके सभी नेता अंतिम जोर लगाने में जुटे हैं।

उत्तराखंड चुनाव को लेकर टिकटों की स्क्रीनिंग का दौर कांग्रेस में कई चरणों में चला। विधानसभा वार पर्यवेक्षक पहुंचे थे। जिसके बाद जिले और लोकसभा वार भी दावेदारों की तैयारियों का दम भी आंका गया। पार्टी के कार्यक्रमों में सहभागिता पर भी पूरी नजर रखी गई। इसके बाद तय किया गया कि आवेदक को दावेदारी करने के लिए 2500 सदस्यों को संगठन से जोडऩे का प्रमाण मय शुल्क देना होगा। जिसके बाद सत्तर सीटों पर कुल 478 लोगों ने चुनाव में टिकट के लिए दावेदारी कर दी। जिसमें 78 महिलाएं भी शामिल है।

कुमाऊं की 29 सीटों की बात करेंं तो जसपुर से विधायक आदेश चौहान, द्वाराहाट से पूर्व विधायक मदन बिष्ट, रानीखेत से विधायक करन माहरा और जागेश्वर से गोविंद सिंह कुंजवाल की सीट पर उनके अलावा किसी ने दावेदारी नहीं की। मगर बाकी 25 सीटों पर 200 के करीब आवेदन मिले हैं। वहीं, दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में मामला फाइनल स्टेज पर पहुंचने की सूचना मिलने पर तीन दिन से कई दावेदार दिल्ली के चक्कर काट रहे हैं। सूत्रों की माने तो कांग्रेस के बड़े नेताओं में भी इस बात को लेकर वर्चस्व की जंग छिड़ी है कि वह कितने करीबियों को टिकट दिलाने में कामयाब रहेंगे।

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