उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव बीतने से पहले ही छत्तीसगढ़ में राज्यसभा चुनाव के लिए माहौल बनने लगा है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सार्वजनिक रूप से राज्यसभा जाने की इच्छा जताई है। छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की दो सीटों के लिए इस साल मई-जून में चुनाव संभावित है।
कोरिया जिले में प्रेस से चर्चा के दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा, अब वे राज्यसभा जाना चाहते हैं। सीएम और हाईकमान का निर्देश होगा तो राज्यसभा में चयन होगा। मैंने अपनी इच्छा जता दिया है। जताता भी रहूंगा। डॉ. महंत ने कहा, “मैं विधानसभा और लोकसभा जा चुका हूं। 11 बार चुनाव लड़ चुका हूं। ऐसे मैं राज्यसभा में एक बार सेवा करना चाहता हूं। यह मैं आज करूं या पांच साल बाद करूं यह अलग बात है।’ महंत की यह चाह तब सार्वजनिक हो रही है जब कांग्रेस में राज्यसभा चुनाव के दावेदारों की लॉबिंग बढ़ रही है। बताया जा रहा है कि राज्यसभा में कांग्रेस सांसद छाया वर्मा और भाजपा के रामविचार नेताम का कार्यकाल 29 जून 2022 में खत्म हो रहा है। इससे पहले दो नए सदस्यों का चुनाव होना है। विधानसभा में कांग्रेस के 70 विधायक हैं। ऐसे में दोनों सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों की जीत तय मानी जा रही है।
सीट के दावेदारों में यह नाम भी
राज्यसभा सीट के दावेदारों में राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन को प्रबल दावेदार माना जा रहा है। उसके अलावा धनेंद्र साहू और राजेश तिवारी का नाम भी सुझाया जा रहा है। एक सीट पर राष्ट्रीय नेतृत्व से किसी का आना तय माना जा रहा है। इसमें कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का भी नाम शामिल है। हालांकि उनके नाम का दावा दो साल पहले से किया जा रहा है।
महंत को दावेदारी मिली तो बदलेगा समीकरण
बताया जा रहा है, अगर चरणदास महंत को राज्यसभा भेजा गया तो सूबे का राजनीतिक समीकरण बदलेगा। बहुत संभव है कि कांग्रेस रविंद्र चौबे को विधानसभा अध्यक्ष बना दे। उनके हटने से खाली हुई एक सीट पर किसी नए व्यक्ति को मंत्री बनने का मौका दे दिया जाए। वहीं विधानसभा की रिक्त सीट पर एक और स्थानीय नेता को भेजा जाए। इससे पार्टी असंतोष कुछ हद तक दूर होगा। इसका खतरा यह है कि चुनाव के नजदीक बदलाव से वह धड़ा नाराज भी हो सकता है, जिसे इसके बावजूद मौका नहीं मिला।
जीत के लिए 31 वोट जरूरी होंगे
राज्यसभा चुनाव में मतदान का फार्मूला है। इसके मुताबिक रिक्त सीटों की संख्या में एक जोड़कर विधायकों की संख्या का विभाजन किया जाता है। आए नतीजों में फिर एक जोड़कर न्यूनतम वोटरों की संख्या तय होती है। इसको ऐसे समझिए- छत्तीसगढ़ में राज्यसभा के लिए 2 सीटों पर चुनाव होने हैं। 2 में 1 जोड़कर संख्या मिलती है 3। अब विधायकों की कुल संख्या यानी 90 में 3 से भाग देने पर भागफल आएगा 30। इस 30 में एक जोड़ा तो संख्या होगी 31। किसी प्रत्याशी को जीत के लिए कम से कम 31 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी।