कानपुर | सीएसए के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया। कार्यक्रम में किसानों को फसल अवशेषों को न जलाने के लिए जागरूक किया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि रहे केंद्र के अध्यक्ष डॉक्टर अशोक कुमार ने किसानों से कहा कि फसल अवशेषों में आग न लगाकर उन्हें खेत में सड़ा कर ही खाद बनाएं।इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बरकरार रहेगी। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ खलील खान ने कहा कि फसल अवशेषों में आग लगाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है इसके साथ ही मनुष्य का स्वास्थ्य भी काफी हद तक प्रभावित होता है।
इसमें बच्चे बुजुर्ग व गर्भवती महिलाएं सबसे अधिक प्रभावित होती हैं। उन्होंने बताया कि जनपद में धान व गेहूं फसल चक्र मुख्य है।जिससे काफी मात्रा में फसल अवशेष होता है।आग लगाने से मृदा में सूचहम जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। डॉक्टर खान ने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किसानों का जागरूक होना अति आवश्यक है। कार्यक्रम का सफल संचालन वैज्ञानिक डॉ शशिकांत द्वारा किया गया।
इस अवसर पर वैज्ञानिक डॉ अरुण कुमार सिंह,डॉ राजेश राय सहित प्रगतिशील किसान दिनेश सविता, विनोद, सुघर लाल अभिषेक पाल सहित लगभग 30 किसानों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।