पंजाब के नए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शहीद भगत सिंह के गांव खटकड़ कलां में पंजाबी में शपथ ग्रहण की। उन्हें गवर्नर बीएल पुरोहित ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। मान ने पंजाबी में ईश्वर के नाम पर शपथ ली। इसके बाद भाषण देकर इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए। भगवंत मान अब पंजाब के 17वें मुख्यमंत्री बन गए हैं। हालांकि कार्यकाल के लिहाज से वह पंजाब के 25वें CM हैं।
शपथ ग्रहण के बाद मान ने कहा कि शहीदों को सिर्फ कुछ ही तारीख में क्यों याद किया जाता है?। हमें हर रोज उनके बताए रास्तों पर चलना चाहिए। उन्होंने आम आदमी पार्टी के नेताओं और वर्करों को कहा कि अहंकार बिल्कुल नहीं करना है। उन्होंने कहा कि मुझे इस तरह की खबर नहीं आनी चाहिए। मान ने केजरीवाल की तारीफ की और उनके लिए तालियां भी बजवाईं।
मान ने कहा कि वक्त और पब्लिक बहुत बड़ी चीज है। वह आदमी को अर्श से फर्श पर लाने में देरी नहीं करते। मान ने कहा कि बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, खेती, व्यापार, स्कूल, अस्पताल सबको ठीक करेंगे। उन्होंने कहा कि यहीं रहकर हम पंजाब का भला करेंगे।
मान ने कहा कि हम जनता के जैसे हैं और जनता बनकर ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सिलेबस में पढ़ाया जाएगा कि लोगों ने बिना किसी लालच के 20 फरवरी 2022 को वोट डालनी शुरू की थी।
खराब मौसम से शपथ ग्रहण में देरी
भगवंत मान ने 12.30 बजे शपथ लेनी थी लेकिन 50 मिनट की देरी से स्टेज पर पहुंचे। अफसरों के मुताबिक खराब मौसम की वजह से उन्हें खटकड़ कलां पहुंचने में देरी हुई। इस दौरान अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया भी मंच पर बसंती पगड़ी पहने नजर आए। दिल्ली सरकार के मंत्री स्टेज पर नजर आए।
मान का शपथ ग्रहण समारोह शहीद भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में होने की भी दिलचस्प वजह है। 2011 में यहीं से पंजाब के सफल कॉमेडियन रहे भगंवत मान ने सियासी जीवन शुरू हुआ था। भगवंत मान की अपील के बाद उनके समर्थक बसंती रंग की पगड़ी और दुपट्टा ओढ़कर समारोह में पहुंचे।