गठबंधन सरकार एकतरफा नहीं एकजुट होने की जरूरत-कांग्रेस प्रभारी अविनाश

5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद पार्टी राजनीतिक रणनीतियों पर जोरों-शोरों से जुट गई है। इस कड़ी में झारखंड कांग्रेस के बड़े नेताओं को मंगलवार को बैठक के लिए दिल्ली बुलाया गया है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत में इस ओर इशारा किया कि गठबंधन सरकार को एकतरफा नहीं चलाया जा सकता। सरकार तभी मजबूत होगी जब गठबंधन के सभी दल एकजुट रहेंगे।

महासचिव अविनाश के झारखंड दौरे से गठबंधन सहयोगियो में तनातनी

तो वहीं राज्य के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडेय के झारखंड दौरे के बाद गठबंधन सहयोगियो में तनातनी के बीच कांग्रेस ने दिल्ली में झारखंड से जुड़े कुल 25 कांग्रेस नेताओं को आज यानी की 5 अप्रैल को एक बैठक के लिए दिलेली बुलाया है। झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि इस बैठक में राज्य कांग्रेस अध्यक्ष, झारखंड सरकार में चार कांग्रेस मंत्री, सभी पूर्व प्रदेश अध्यक्षों और कुछ विंग के अध्यक्ष शामिल होंगे।

बता दें कि सोमवार शाम से ही अलग-अलग फ्लाइट से कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा, विधायक किशनदास, विधायक बंधु तिर्की, विधायक दीपिका पांडे सिंह, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत और पूर्व प्रवक्ता आलोक दुबे दिल्ली पहुंच गए हैं। ये बैठक राजधानी दिल्ली में AICC मुख्यालय पर होगी।

जारी तनाव को लेकर बैठक में हो सकती है चर्चा

बैठक के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ जारी तनाव को लेकर विस्तार से चर्चा हो सकती है। खबर है कि कांग्रेस नेता जेएमएम के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर पार्टी को नजरअंदाज करन के आरोप लगा रहे हैं। झारखंड की गठबंधन सरकार में अपने वरिष्ठ सहयोगी झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा उपेक्षित महसूस करते हुए कांग्रेस के एक नेता ने सोमवार को कहा कि किसी को भी इस गफलत में नहीं रहना चाहिए कि वे उनके बिना सरकार चला सकते हैं।

मुख्यमंत्री द्वारा कांग्रेस विधायक की उपेक्षा किए जाने के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा, “किसी को भी इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि वो अकेले सरकार चला सकते हैं। हम झारखंड को स्थिर रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन अगर कोई सरकार या पार्टी कांग्रेस के खिलाफ दुर्भावना से काम करती है, तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। हेमंत सोरेन जितनी जल्दी गठबंधन को लेकर गंभीर होंगे, सरकार के लिए उतना ही अच्छा होगा।”

12 अप्रैल के लिये जाने झारखंड क्यों बना खास

आपको बता दें, झारखंड कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने ये भी कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी को मजबूत बनाने के उद्देश्य से यह बैठक की जा रही है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सत्तारूढ़ गठबंधन के 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायक हैं।जेएमएम के 30, कांग्रेस के 18 और आरजेडी के 1 विधायक हैं। हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में कांग्रेस के चार मंत्री भी शामिल हैं। इस बैठक के बाद 12 अप्रैल को झारखंड के सभी 24 जिलों में एक साथ संवाद यात्रा कार्यक्रम भी होगा।

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