राहुल गांधी, मायावती, अखिलेश यादव और चंद्रबाबू नायडू ने फोनकर दिया समर्थन; धरनास्थल पर आ रहे केजरीवाल और तेजस्वी
कोलकाता । अरबों रुपये के चिटफंड घोटाला मामले में साक्ष्यों को मिटाने के आरोपित कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार पर सीबीआई कार्रवाई के खिलाफ तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी सारी रात धर्ममतल्ला के मेट्रो चैनल के पास धरने पर बैठी रहीं। खास बात यह है कि ठंड के बावजूद उनके धरना मंच के पास लगातार लोगों की भीड़ रातभर बढ़ती रही।
#WATCH West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee continues dharna over CBI issue after a short break early morning. West Bengal CM began the 'Save the Constitution' dharna last night. #Kolkata pic.twitter.com/DBoS0GC1MJ
— ANI (@ANI) February 4, 2019
जैसे-जैसे रात बढ़ रही थी, लोगों की भीड़ भी बढ़ रही थी। ममता रात भर सोई भी नहीं हैं। भीड़ बढ़ने के बाद वह लोगों को लगातार घर लौटने के लिए अपील करती रहीं लेकिन लोग कहते रहे … दीदी हम लोग नहीं लौटेंगे। ऐसे ही सारी रात बीत गई| ममता अब भी धरने पर बैठी हुई हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के उपाध्यक्ष तेजस्वी यादव सोमवार यानि आज ही कोलकाता पहुंच रहे हैं। वे ममता का समर्थन करने के लिए यहां एकत्रित हुई भीड़ को संबोधित करेंगे।
West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee during 'Save the Constitution' dharna in #Kolkata: A memorandum has been signed by all the opposition parties and it will be submitted to the Election Commission pic.twitter.com/ZfyGSqR23u
— ANI (@ANI) February 4, 2019
तृणमूल सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि धरना मंच से ही आज मुख्यमंत्री किसान और मजदूरों को संबोधित करेंगी। इधर, ममता के निर्देश पर राज्यभर में सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने धरना देने का निर्णय लिया है। राजधानी कोलकाता से हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना में पार्टी कार्यकर्ता धरने पर बैठेंगे। ममता ने साफ कहा है कि आम लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि रविवार शाम छह बजे के बाद कोलकाता में सीबीआई और पुलिस के बीच हाईवोल्टेज ड्रामा शुरू हो गया था। लाउडन स्ट्रीट में स्थित कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के घर करीब 40 से 45 सीबीआई के अधिकारी डीएसपी तथागत वर्धन के नेतृत्व में जा पहुंचे थे।
ये लोग चिटफंड घोटाला मामले में पुलिस आयुक्त से पूछताछ करना चाहते थे लेकिन कुमार के आवास की सुरक्षा में तैनात डीसी साउथ मेराज खालिद और अन्य पुलिस अधिकारियों ने सीबीआई अधिकारियों को पुलिस आयुक्त के घर में नहीं घुसने दिया और उन्हें वापस लौट जाने को कहा। जब देर तक सीबीआई अधिकारी नहीं लौटे तो पुलिस ने कॉलर पकड़ कर घसीटते हुए इन्हें धक्का देकर पुलिस की वैन में डाला और शेक्सपियर सरणी थाना ले गए।
इधर सूचना मिलने के तुरंत बाद ममता बनर्जी कानून व्यवस्था के एडीजी अनुज शर्मा को लेकर राजीव कुमार के घर जा पहुंची थीं। बाद में पुलिस महानिदेशक विरेंद्र कुमार, डीसी डीडी-1 विनीत गोयल और अन्य पुलिस अधिकारी भी कुमार के घर जा पहुंचे जहां उच्च स्तरीय बैठक हुई। वहां से बाहर निकलीं ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के निर्देश पर सीबीआई बदले की कार्रवाई कर रही है ताकि मुझे परेशान किया जा सके।
इसके बाद उन्होंने घोषणा की कि संविधान बचाने के लिए वह धरना देंगी और रात 8:30 बजे के करीब धर्मतल्ला के मेट्रो चैनल के पास जाकर धरने पर बैठ गईं। देखते ही देखते वहां तृणमूल समर्थकों की भारी भीड़ जुट गई। रातभर लोग वहां एकत्रित होते रहे। ममता ठंड के बावजूद एक साल ओढ़कर रातभर धरने पर बैठी रही हैं और अभी भी धरने पर ही हैं। इधर ममता के इस कदम का पूरे देश के विपक्षी नेतृत्व ने स्वागत किया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फोन कर उन्हें नैतिक समर्थन देने की घोषणा की है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बसपा प्रमुख मायावती, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, चंद्रबाबू नायडू, तेजस्वी यादव समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने फोन कर ममता को इस लड़ाई में साथ देने का आश्वासन दिया है।
चिटफंड कंपनियों का आरबीआई या सेबी से पंजीकृत होना जरूरी
शारदा चिटफंड घोटाले लेकर देश का राजनीतिक माहौल गर्म है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धरने पर बैठी हैं। आज केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ममता बनर्जी व उनकी राज्य पुलिस के खिलाफ गुहार लगाएगी। इसलिए चिटफंड कंपनी (गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां) के नियमन को लेकर कानून को जानना जरूरी है। खासकर बंगाल में तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने कई कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई भी की है। उल्लेखनीय है कि आरबीआई एक्ट 1934 की धारा 45-1 ए के मुताबिक कोई भी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी बिना आरबीआई के पंजीकरण प्रमाण-पत्र के अपने कारोबार की शुरुआत नहीं कर सकती है।
इसके लिए उस कंपनी के पास दो करोड़ रुपये की राशि का होना जरूरी है। हालांकि कुछ कंपनियां जैसे वेंचर कैपिटल फंड, मर्चेंट बैंकिंग कंपनी, स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी आरबीआई के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं। लेकिन उन्हें भी सेबी (सिक्यूरिटीज एंड स्टॉक एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) से अनुमति लेना जरूरी है। गैर बैंकिंग कंपनी या चिटफंड कंपनी को आरबीआई एक्ट के मुताबिक पंजीकरण के लिए कंपनी एक्ट 1956 की धारा के अंतर्गत भी पंजीकृत कराना होगा| उल्लेखनीय है कि आरबीआई के मुताबिक पश्चिम बंगाल में लगभग 200 अवैध कंपनियां काम कर रही हैं। हालांकि आरबीआई को इसकी जानकारी राज्य के ही मुख्य सचिव बासुदेव बनर्जी की अध्यक्षता वाली कमेटी से ही मिली थी। यह जानकारी सीबीआई, सेबी व अन्य देश की एजेंसियों को भी दी गई थी।
बंगाल में तृणमूल समर्थकों मचाया बवाल रोकी ट्रेनें, सड़कें की जाम
केंद्र सरकार द्वारा कथित तौर पर सीबीआई का इस्तेमाल विपक्षी पार्टियों द्वारा किए जाने के खिलाफ रविवार रात से धरने पर बैठी ममता बनर्जी के समर्थन में राज्यभर में सत्तारूढ़ तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। हालांकि ममता ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि किसी भी तरह से लोगों को परेशानी में नहीं डाला जाना चाहिए। उन्होंने साफ कहा था कि तृणमूल समर्थक शांतिपूर्वक तरीके से धरना करेंगे। कहीं भी सड़क और रेल रोकने अथवा लोगों को परेशानी में डालने वाली घटनाएं नहीं होनी चाहिए|
लेकिन उनके निर्देशों को दरकिनार करते हुए सोमवार सुबह से ही तृणमूल समर्थकों ने सड़क जाम करना और ट्रेन सेवा रोकने की शुरुआत कर दी है। सोमवार सुबह हावड़ा के डोमजूर में आमता लोकल को रोक दिया गया है। रेलवे की ओर से मिली जानकारी के अनुसार सुबह 9:00 बजे के करीब आमता से हावड़ा आ रही डाउन आमता हावड़ा लोकल को तृणमूल समर्थकों ने रोक दिया। इसके अलावा बैंडल की ओर से आ रही कई ट्रेनों को भी हावड़ा स्टेशन पर घुसने से पहले बीच में ही रोक दिया गया है। उधर दुर्गापुर में भी तृणमूल के श्रमिक संगठन आईएनटीटीयूसी के समर्थकों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर उतर कर विरोध – प्रदर्शन करते हुए पूरी सड़क को जाम कर दिया है। उत्तर 24 परगना में भी कई सड़कों पर तृणमूल कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। हावड़ा में भी तृणमूल कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतर कर नारेबाजी और प्रदर्शन शुरू किया है।