महाराष्ट्र में अब हेलो नहीं…वंदे मातरम बोलने का आदेश, जानिए क्या है मामला

महाराष्ट्र में सरकारी कर्मियों के फोन पर हेलो की जगह वंदे मातरम बोलने के आदेश का सपा नेता अबू आसिम आजमी ने विरोध किया है। सरकार के इस आदेश को गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जानबूझकर ऐसा आदेश निकाला है, ताकि हिंदू-मुस्लिम के बीच में दरार आए। अबू आसिम ने कहा कि हम देश से प्रेम करते हैं, लेकिन केवल आल्हा के सामने सिर झुकाते हैं। हम कभी भी वंदे मातरम नहीं बोलेंगे।

दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने गांधी जयंती से सभी सरकारी कर्मचारियों को फोन में हैलो की जगह वंदे मातरम बोलने का आदेश है ।

सपा नेता बोले- जै महाराष्ट्र बोलना क्या देशद्रोह है?

समाजवादी पार्टी नेता अबू आसिम आज़मी ने कहा कि मैं सीएम से पूछना चाहता हूं कि आप हमेशा बाला साहेब की तरह ‘जै महाराष्ट्र’ बोला करते थे तो फिर बीजेपी और आरएसएस के दवाब में आकर इसे छोड़ने के लिए क्यों कह रहे हैं। ‘जै महाराष्ट्र’ बोलना देशद्रोह है क्या?

उन्होंने आगे कहा कि हम सारे जहां से अच्छा हिंदोस्ता हमारा बोलते हैं, जै हिंद बोलते हैं… क्या इससे कहीं भी देश के खिलाफ नफरत नजर आती है। अगर कोई सच्चा मुलमान है तो वह खुदा के अलावा किसी के आगे सिर नहीं झुकाएगा और इसमें देशद्रोह नहीं है।सांस्कृतिक मंत्री ने अगस्त में जारी किया था बयान

महाराष्ट्र में सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने 14 अगस्त को आदेश जारी किया था। जिसमें राज्य सरकार के सभी अधिकारियों को कार्यालयों में फोन कॉल उठाने पर ‘हैलो की बजाय ‘वंदे मातरम कहना अनिवार्य किया गया था।

मुनगंटीवार का कहना है कि हैलो जैसे शब्‍द विदेशी हैं। ऐसे में इन शब्दों का त्याग करना जरूरी है। उन्होंने कहा क‍ि वंदे मातरम सिर्फ एक शब्द नहीं है बल्कि हर भारतीय की भावना है।

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