गुजरात में अंधविश्वास के चलते बेटी की हत्या का मामला सामने आया है। पिता और ताऊ को शक था कि लड़की को भूत लगे हैं। ऐसे में लड़की को गन्ने के खेत में बांधकर पीटा। उसे भूखा रखा। इससे उसकी मौत हो गई। उन्हें तंत्र-में भरोसा था। उनका मानना था कि तांत्रिक अनुष्ठान और मारपीट से भूत भाग जाएगा।
घटना के बारे में लड़की की मां और नाना को पता चला तो उन्होंने एफआईआर दर्ज कराई, तब यह मामला सामने आया। यह मामला गिर सोमनाथ जिले में तालाला के धावा गांव की है।
पुलिस के मुताबिक, मृतक धैर्या की उम्र 14 साल थी। वह नवीं क्लास में पढ़ती थी। वह करीब एक साल से अपने ताऊ दिलीप अकबरी के घर पर धावा गांव में रह रही थी। ताऊ तंत्र में भरोसा करता है। उसने ही 1 अक्टूबर को सूरत में रहने वाले अपने भाई यानी धैर्या के पिता भावेश को फोन लगाकर बताया कि आपकी बेटी को भूत लगे हैं। पिता सूरत से धावा पहुंच गया। इसके बाद दोनों ने आपसी सलाह से उसका भूत भगाने के लिए तंत्र का रास्ता चुना।
शरीर में भूत घुसने का शक
1 अक्टूबर को दिलीप और भावेश धैर्या को लेकर गांव के गन्ने के खेत में गए और उसे वहां बांध दिया। दो दिन बाद फिर दोनों भाई खेत में पहुंचे और धैर्या के साथ मारपीट की। इस पर धैर्या बेसुध हो गई। दोनों भाई उसे उसी हालत में छोड़कर घर आ गए। दो दिन बाद यानी 5 अक्टूबर को खेत में जाकर देखा तो बेटी उसी हालत में पड़ी थी। तब भी उन्होंने कुछ नहीं किया।
शव से बदबू आई
7 अक्टूबर की सुबह 11 बजे दोनों खेत में पहुंचे तो बेटी के शरीर से बदबू आ रही थी और कीड़े हो गए थे। तब उन्हें लगा कि बेटी की मौत हो गई है। दोनों ने उसी रात बेटी का शव वहीं खेत में जला दिया। अगले दिन सूरत में रह रही बच्ची की मां को बेटी की मौत की सूचना दी।
मां ने यह खबर अपने पिता वालजी भाई डोबरिया को बताई। तब दोनों गांव पहुंचे और भावेश से पूछा कि अंतिम संस्कार के लिए हमारा इंतजार क्यों नहीं किया गया। शक होने पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उनसे पूछताछ के बाद खेत से कुछ सामान और बेटी का जला शव बरामद किया गया है। जांच करने पर सीसीटीवी फुटेज मिले हैं जिसमें सात लोग अंतिम संस्कार करते नजर आ रहे हैं।