लखनऊ । साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को पड़ेगा, यह देश में दिखाई देगा। इसकी धार्मिक मान्यता भी होगी। इससे पहले जो सूर्य ग्रहण पड़ा, वह देश में दिखाई नहीं दिया था।
उ.प्र संस्कृत संस्थान के कर्मकाण्ड प्रशिक्षक रहे पं. अनिल कुमार पाण्डेय ने बताया कि दीपावली के दूसरे दिन 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण होगा, जिसकी मान्यता होगी। बताया कि ग्रहण सूर्यास्त से पहले शुरू होगा और उसका मोक्ष सूर्यास्त के बाद होगा, जो यहां नहीं दिखाई पड़ेगा। इसलिए अंधेरा होने पर ही मोक्ष मान लिया जाएगा और उसके बाद घर को धो सकते हैं और स्वयं स्नान व पूजन आदि कर्म भी कर सकते हैं।
चिंता हरण जंत्री के अनुसार ग्रहण दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर आरम्भ होगा। मध्य शाम 4ः 30 मिनट पर व व मोक्ष छह बजकर 32 मिनट पर होगा। अनिल कुमार पाण्डेय ने बताया कि धर्मशास्त्र के अनुसार ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पूर्व माना जाता है। सूतक काल में मंदिर में प्रवेश, भोजन करना व मैथुन क्रिया करना वर्जित माना गया है।
इसके अलावा ग्रहण काल में अग्नि प्रज्जवलित करना, धारदार चीजें जैसे चाकू, कैची इत्यादि से कुछ काटना नहीं और पुरूषों को दाढ़ी भी नहीं बनानी चाहिए। ग्रहण से पूर्व भोजन सामग्री जैसे दूध, दही व घी आदि में कुश रख देना चाहिए।
ग्रहण के बाद पीने के पानी को ताजा भर लेना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के प्रकोप से बचने के लिए गाय के गोबर का पतला लेप लगा लेना चाहिए। ग्रहण काल में श्राद्ध, जप, दान व मंत्रों को सिद्ध कर सकते हैं।