इंटियाथोक,गोंडा।स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच मुक्त किए जाने के लिए प्रति ग्राम पंचायत में छह या आठ लाख से सामुदायिक षौचालय बनवाये गये और इन पर छह हजार रूपये समूह के माघ्यम से खर्च हो रहा है लेकिन ये सामुदायिक षौचालय नब्बे प्रतिषत बेमकसद साबित हो रहे हैं। दैनिक भास्कर प्रतिनिधि बीपी त्रिपाठी ने कई गांवं का दौरा किया जहां पर ग्रामीण क्षेत्र में बने सामुदायिक शौचालयों के ताले भी कभी.कभार ही खुलते हैं। यहां तक कि कुछ शौचालयों के ताले बनने के बाद से आज तक खुले नहीं है। यहां खुले में शौच न जाने से बचाने के लिए लाखों रुपये खर्च कर सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। इसके बावजूद इनका लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है।पेश है एक रिपोर्ट
ग्रामीणों से की बात
ग्राम पंचायत जानकी नगर में बने शौचालय का बुरा हाल है।गांव निवासी ननके, साबिर, राघवेंद्र कुमार पांडे, मुकादम, बदरुद्दीन, दुर्गेश पांडे, उमेश पांडे आदि लोगों का कहना है, कि जब से यहां शौचालय बनकर तैयार हुआ है।उसके बाद से आज तक इसका ताला ही नहीं खुला है।शौच के लिए महिलाओं को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई बार शिकायत भी की,लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
ग्राम पंचायत गोसेद्रपुर में बना शौचालय करीब डेढ़ साल से बंद पड़ा है। ग्रामीणों का कहना है, कि पानी का समरसेबुल मोटर चोर पहले ही खोल ले गए हैं।कई बार शिकायत करने पर भी ब्लॉक के जिम्मेदार कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं।
ग्राम पंचायत कंचनपुर के मजरे गुटु्टी ;तिवारी पुरवाद्ध में कुछ ग्रामीणों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया, यहां बने सामुदायिक शौचालय को बाहर से रंग रोगन लगाकर पूर्ण दिखाने का प्रयास जरूर किया गया है,लेकिन भीतर से हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।मौके पर सामुदायिक शौचालय में ताला लटक रहा है।
ग्राम पंचायत सोमरही निवासी दीपू तिवारी,राजन,बबलू,राधिका ने बताया कि सामुदायिक शौचालय में हमेशा ताला लगा रहता है ,ग्रामीणों को शौच के लिए खुले मैदान में जाना पड़ता है। ग्राम पंचायत बहेरकुंवा निवासी देवता प्रसाद,बाबू, सकट राम, ने बताया कि बहेरकुंवा में शौचालय में ताला लगा है काफी दिनों से बंद है। मामले में खण्ड विकास अधिकारी अनूप भारती का कहना है कि संबंधित सचिवों को पत्र लिखा गया है,जांच करवाकर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।