यूपी : 61 घंटे से हड़ताल, 50 लाख उपभोक्ता कटौती से परेशान, आखिर क्यों नहीं निकला बैठक का नतीजा?

यूपी में बिजली कर्मियों की हड़ताल से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। गुरुवार रात 10 बजे से शुरू हुई हड़ताल 61 घंटे से अधिक जारी है। रविवार को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और बिजली कर्मचारी नेताओं के बीच दूसरी बैठक होने जा रही है। यह 12 घंटे के बीच दूसरी बैठक है। कर्मचारी नेता जल निगम के फील्ड हॉस्टल में पहुंच गए हैं। ऊर्जा मंत्री भी कुछ देर में पहुंचेंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार कार्रवाई के फैसले को अगर वापस लेती है तो कर्मचारी काम पर लौट आएंगे। हालांकि अंतिम निर्णय क्या होगा? यह थोड़ी देर बाद ही पता चल पाएगा।

यूपी सरकार की चेतावनी के बाद भी बिजली कर्मचारी हड़ताल पर अड़े हैं। इससे आम आदमी के साथ सरकार​​​​​​ की भी परेशानी बढ़ गई हैं। शनिवार रात ऊर्जा मंत्री और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बीच 3 घंटे की पहली मैराथन बैठक हुई। मगर, इसमें कोई नतीजा नहीं निकला। बिजली कटौती से प्रदेश में करीब 50 लाख उपभोक्ता परेशान हैं।

आखिर क्यों नहीं निकला बैठक का नतीजा?
सूत्रों के मुताबिक, शनिवार रात की बैठक में ही आंदोलन वापस लेने पर सहमति बन गई थी। इसमें यह तय हुआ था कि जितने लोगों को निकाला गया है, उन सब को वापस कर लिया जाए। 29 लोगों पर जो FIR दर्ज है उसे हटाया जाए। 22 कर्मचारी नेताओं पर जो एस्मा लगा है उसको वापस लिया जाए। ये होने पर कर्मचारी अपनी हड़ताल वापस ले लेंगे। बताया जा रहा है कि ऊर्जा मंत्री इस पर सहमत थे, लेकिन वह लिखित में नहीं देने की बात कर रहे थे।

ऊर्जा मंत्री का कहना था कि आप हड़ताल वापस लीजिए और हम मीडिया में बयान दे देंगे कि अब तक हुई सारी कार्रवाई वापस ले ली गई है। इस पर कर्मचारी नेताओं ने हड़ताल वापस लेने से मना कर दिया। उनका कहना था कि वह लिखित समझौते के बिना हड़ताल वापस नहीं लेंगे। पिछली बार जब लिखित के बाद भी मांगें नहीं मानी गईं तो मौखिक का कोई आधार नहीं होता। ऐसे में एक बार फिर से रविवार सुबह बातचीत शुरू होने जा रही है, उम्मीद है कि इस बार सहमति बन जाएगी। क्योंकि, लगातार हड़ताल से सरकार पर दबाव बना है।

कई जिलों में 20-20 घंटे बिजली कटौती
प्रयागराज, कानपुर, फतेहपुर, ऊरई, जौनपुर, मेरठ, अयोध्या, वाराणसी समेत कई जिलों के कुछ इलाकों में 20-20 घंटे से बिजली आपूर्ति बाधित है। प्रदेश में शुक्रवार को दिक्कत इसलिए भी ज्यादा बढ़ गई कि तेज हवाओं और बारिश के बाद कई जगह फॉल्ट हुए, लेकिन वह ठीक नहीं हो सके।

उधर, हड़ताल करने वालों पर सरकारी कार्रवाई बढ़ती जा रही है। अब तक 3 हजार से ज्यादा संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है। वहीं, संघर्ष समिति के 22 कर्मचारी नेताओं पर एस्मा लगाया गया है। 29 अन्य लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। दूसरी तरफ, प्रदर्शनकारियों ने ऐलान किया है कि ऐसे ही दमन की कार्रवाई होती रही, तो रविवार रात 10 बजे के बाद भी हड़ताल जारी रखी जाएगी और उसको अनिश्चितकालीन हड़ताल में तब्दील कर दिया जाएगा।

बिजली कर्मचारी नेताओं और ऊर्जा विभाग की इस लड़ाई में आम आदमी परेशान है। स्कूली बच्चों का एग्जाम हैं। इन्वर्टर बैटरी भी अब चार्ज नहीं रह गई है। लखनऊ समेत प्रदेश के सभी शहरों में नाराज लोग सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करने लगे हैं। स्थिति यह है कि नाराज लोगों ने नेशनल हाईवे तक जाम करना शुरू कर दिया है। प्रशासन और पुलिस के लोग भी अब स्थिति संभालने में दिक्कत हो रही है।

पदाधिकारियों को सरकार ने किया निलंबित
सरकार ने एस्मा के साथ पदाधिकारियों को निलंबित कर दबाव बनाने की कोशिश की है। शनिवार रात तक जेई संगठन के जय प्रकाश, जीवी पटेल, अभियंता संघ के जितेंद्र सिंह गुर्जर, प्रभात के अलावा सीवी उपाध्याय और वसीम अहमद को निलंबित कर दिया। इन पर कर्मचारियों को हड़ताल के लिए उकसाने का आरोप है। इनका लखनऊ से बाहर तबादला किया गया है।

मंत्री बोले- 22 कर्मचारियों को एक साल के लिए जेल भेजा जाएगा
एक तरफ से प्रदेश में बिजली संकट बढ़ा है, दूसरी तरफ मंत्री का कहना है कि सिर्फ 2 फीसदी सप्लाई प्रभावित है। उन्होंने कहा कि हम कई बार हड़ताल खत्म करने की बात की चुके हैं। आवश्यक सेवा को बाधित करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि 22 कर्मचारियों पर एस्मा के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्हें एक साल के लिए जेल भेजा जाएगा।’

5 हजार गांव और 50 लाख उपभोक्ता प्रभावित
विभागीय सूत्रों का कहना है कि 24 घंटे तक कोई खास असर नहीं रहा, लेकिन दूसरे दिन परेशानी बढ़ गई है। हड़ताल के 60 घंटे गुजरने के बाद प्रदेश के 5 हजार से ज्यादा गांव में बिजली समस्या बढ़ गई है। गांव में लोग अपना मोबाइल तक चार्ज नहीं कर पा रहे हैं। पूरे प्रदेश में अब तक करीब 50 लाख से ज्यादा उपभोक्ता बिजली संकट से परेशान हो चुका है। पूर्वांचल, पश्चिमांचल, दक्षिणांचल और मध्यांचल समेत केस्को और नोएडा पावर कंपनी में कर्मचारियों की हड़ताल का असर अब बढ़ गया है। संविदा कर्मचारियों को निकालने के बाद भी राहत मिलती नहीं दिख रही है। बताया जा रहा है कि रविवार को अगर हड़ताल जारी रही तो परेशानी बढ़ जाएगी। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, मेरठ, आगरा और बरेली समेत कई शहरों में जबरदस्त संकट पैदा हो गया है।

कानपुर, गोरखपुर जैसे शहरों में फैक्ट्रियां बंद
सरकार से लेकर प्रशासन सप्लाई ठीक रखने के लिए जोर लगाए है, लेकिन कर्मचारियों के बिना यह मुश्किल हो रहा है। उधर, लगातार कटौती से लोगों का सब्र का बांध टूट रहा है। बिजली सप्लाई बाधित होने से औद्योगिक शहरों कानपुर, गोरखपुर जैसे शहरों में फैक्ट्रियां बंद पड़ी हैं। लखनऊ के भी बड़े इलाके में भी बिजली संकट है। लोग बिजली सब-स्टेशन पहुंचकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। कुशीनगर, बलिया, देवरिया, गोरखपुर और प्रतापगढ़ में 242 संविदा कर्मचारियों को बाहर कर दिया है।

नेताओं ने कहा- नंबर बंद नहीं करेंगे
बिजली कर्मचारी नेताओं ने कहा कि अभी तक कई लोग अपना नंबर बंद कर लेते थे लेकिन अब सभी नेता 24 घंटे अपना नंबर चालू रखेंगे। अगर लोकेशन का पता कोई गिरफ्तारी करना चाहता है तो वह उनको पकड़ सकता है। यह भी कहा गया है कि नेताओं की गिरफ्तारी के साथ जेल भरो आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। ऐसे में बवाल से बचने के लिए लखनऊ समेत कई जिलों में बिजली विभाग के ऑफिस पर PAC तैनात कर दी गई है।

20 संगठन हड़ताल में शामिल
ऊर्जा मंत्री ने हड़ताल में शामिल होने वालों को कई बार चेतावनी दी, लेकिन उसका असर अभी तक हड़ताल में नहीं दिखा है। 20 संगठन अभी भी हड़ताल में शामिल हैं। मंत्री ने कहा था कि बिजली सप्लाई में बाधा डालने वाले कर्मचारियों को पाताल से खोजकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन, उससे सप्लाई बेहतर होती दिख नहीं रही है।

23 साल बाद हो रही हड़ताल
इससे पहले, साल 2000 में कर्मचारियों ने बिजली विभाग के एकीकरण को लेकर पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया था। अब 23 साल पर हड़ताल हो रही है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में अप्रैल से पहले उपकेंद्रों के मरम्मत का काम चल रहा है। हड़ताल के चलते मरम्मत का काम प्रभावित हो रहा है।

इसके अलावा लोगों को नए कनेक्शन मिलने में दिक्कत हो रही है। अगर कोई उपभोक्ता अपना बिल सही कराने के लिए उपकेंद्र जाता है, तो उसको भी परेशानी झेलनी पड़ेगी। साथ ही अगर कहीं फॉल्ट आता है, तो बिजली कर्मचारी उसको बनाने से इनकार भी कर सकते हैं।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें