बार-बार पेशाब आना भी हो सकता है खतरनाक! ऐसे पता करें कोई बीमारी का संकेत तो नहीं ?

-रात में बार-बार यूरिनेशन के लिए उठना, सामान्य नहीं

 नई दिल्ली (ईएमएस)। कुछ लोगों का मानना है कि बार-बार यूरिन आना सेहत के लिए सही होता है लेकिन ऐसा नहीं है। अगर किसी को बार-बार यूरिन आती है तो उसे कुछ गंभीर बीमारियों का खतरा भी हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार ‘अगर कोई कोई दिन में लगभग तीन से साढ़े तीन लीटर पानी पीता है और अगर दिन में हर चार घंटे में यूरिनेशन के लिए जा रहा है तो वह सही है। ऐसा व्यक्ति रात में एक बार यूरिनेशन के लिए भी उठ सकता है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति रात में बार-बार यूरिनेशन के लिए उठता है तो वह सामान्य नहीं है। विशेषज्ञ बताते हैं, ‘अगर कोई इंसान की यूरिन की क्वांटिटी तो कम (100-300 मिली लीटर) है लेकिन वह बार-बार यूरिनेशन के लिए जा रहा है तो वह ओवर एक्टिव ब्लैडर के कारण हो सकता है। वहीं अगर किसी की यूरिन की मात्रा अधिक (400-500 मिली लीटर) है और वह हर 1-2 घंटे में यूरिनेशन के लिए रहा है तो उसे पॉलीयूरिया नाम की बीमारी हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार वास्तव में कई अलग-अलग स्थितियां हैं जो बार-बार यूरिनेशन का कारण बन सकती हैं। 

इनमें से कई कारण आपकी उम्र, लिंग या संभवतः दोनों पर आधारित हैं। अलग-अलग कारणों से सभी को बार-बार यूरिनेशन की समस्या हो सकती है, जैसे, ओवरएक्टिव ब्लैडर को ओएबी भी कहा जाता है। इसके कारण बार-बार और अचानक पेशाब करने की इच्छा पैदा होती है जिसे नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है। आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आपको 24 घंटे में कई बार यूरिनेशन के लिए जाना होगा। ओवरएक्टिव ब्लैडर की समस्या को पेल्विक फ्लोर की मसल्स का उपयोग करके ब्लैडर होल्डिंग टेक्नीक से दूर किया जा सकता है। साथ ही साथ लाइफस्टाइल और खाने-पीने की आदत में बदलाव करके भी ओवरएक्टिव ब्लैडर की समस्या को दूर किया जा सकता है। लेकिन किसी भी चीज को फॉलो करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। यूरिनरी ट्रैक और ब्लैडर कंडिशन भी बार-बार यूरिनेशन के कारणों में से एक है। कुछ यूरिनरी ट्रैक संक्रमण (यूटीआई) विशेष रूप से बार-बार यूरिनेशन का सबसे आम कारण है। यूटीआई के दौरान एक बाहरी संक्रमण शरीर में प्रवेश करता है और आपके यूरिनरी सिस्टम में सूजन का कारण बनता है। यह सिस्टम किडनी, किडनी को मूत्राशय से जोड़ने वाली नलियां, ब्लैडर और शरीर से मूत्र को बाहर निकालने वाली नली से बना होती है। इंटरस्टीशियल सिस्टिटिस और ओवर एक्टिव सिंड्रोम भी बार-बार यूरिनेशन का कारण बन सकते हैं।

 कुछ दुर्लभ मामलों में बार-बार यूरिनेशन ब्लैडर कैंसर का लक्षण भी हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान भ्रूण आपके शरीर के अंदर अधिक से अधिक जगह घेर लेता है इसलिए उस समय ब्लैडर सिकुड़ जाता है। जिससे बार-बार यूरिनेशन के लिए जाना होता है। यह प्रेग्नेंसी में बहुत ही सामान्य लक्षण है। दिलचस्प बात यह है कि आप इस लक्षण को अपने पहले और तीसरे तिमाही के दौरान अधिक अनुभव करेंगे और फिर दूसरी तिमाही थोड़ी राहत मिलती है। बच्चे के जन्म के बाद के कुछ हफ्तों या महीनों में यह समस्या दूर हो जाती है। यूरिन रिलीज की समस्याओं से बचने के लिए महिलाओं को कीगल एक्सरसाइज करनी चाहिए। पुरुषों में प्रोस्टेट एक गोल्फ-बॉल के आकार की ग्रंथि है जो इजेक्युलेशन (स्खलन) के दौरान निकलने वाले कुछ लिक्विड को बनाती है। जैसे-जैसे आप बढ़ते हैं आपका प्रोस्टेट बढ़ता है लेकिन अगर यह बहुत बड़ा हो जाता है तो यह समस्या पैदा कर सकता है। 

बड़े प्रोस्टेट आपके यूरिनरी सिस्टम पर दबाव डाल सकता है जिससे बार-बार यूरिन आती है। बार-बार यूरिनेशन वास्तव में डायबिटीज का एक बहुत ही सामान्य लक्षण है। यदि आपको टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज है तो आपको इसकी शिकायत हो सकती है। दरअसल, डायबिटीज में आपकी किडनी ब्लड को फिल्टर करने के लिए ओवरटाइम करती हैं और इस कारण आपको अधिक लिक्विड रिलीज करना होता है। जितना अधिक आप यूरिनेशन करेंगे उतना ही लिक्विड आपके शरीर से बाहर निकलता है। बता दें कि शरीर पेशाब या यूरिन के माध्यम से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालता है। इंसान की यूरिन में पानी, यूरिक एसिड, यूरिया और विषाक्त पदार्थ होते हैं। अधिकतर लोग दिन में 6-7 बार पेशाब करते हैं। लेकिन कई लोगों को दिन में बार-बार पेशाब आती है इसके कारण उन्हें बार-बार यूरिनेशन के लिए जाना होता है।

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