गोंडा। एक प्रतियोगी छात्र ने बिजली विभाग के पावर हाउस से जुड़ी जानकारी के लिए आरटीआइ दायर की तो जेई साहब चिढ़ गए। गणतंत्र दिवस के दिन आवेदक के घर पहुंच गए। 15 मिनट तक आवेदक का साक्षात्कार लिया और वीडियो रिकार्डिंग भी कराई। कहा कि कालेज में एडमिशन के समय क्यो नही मांगी आरटीआई। पूछना चाहिए था बिल्डिंग में पढ़ाएंगे या सड़क पर।
नागरिकों को सशक्त बनाने, कार्यों में पारदर्शिता लाने व कार्मिकों की जवाबदेही तय करने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का प्रयोग किया जाता है। इसी के तहत जिले के बेलसर ब्लाक अंतर्गत उमरी बेगमगंज क्षेत्र के बाबादीन ने गत छह जनवरी को जिलाधिकारी के यहां ऑनलाइन आरटीआई दायर किया था।
आरटीआई में पावरहाउस शुक्लगंज बेलसर में लकड़ी के पोल से बिजली आपूर्ति, बिजली पोल टूटने के बाद बदलने की प्रक्रिया, घरेलू कनेक्शन स्वीकृति के लिए शुल्क, जेई आमोद कुमार के खिलाफ अब तक हुई कार्यवाही व पावर हाउस पर जेई से मिलने का समय व उपभोक्ताओं के बैठने की व्यवस्था से जुड़े सात प्रश्न पूछे है। आरटीआई आवेदन प्राप्त होते ही जेई आमोद कुमार परेशान हो गए आवेदक के पास अलग अलग मोबाइल नंबरों से कॉल कराया।
पूछा कि क्या समस्या है और क्यो मेरे खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।आवेदक ने कहा कि शिकायत नही किया है, सिर्फ जानकारी चाहिए। आरटीआई के सवालों से जेई इतना चिढ़ गए कि गणतंत्र दिवस के दिन उसके घर आ गए। साक्षात्कार लेना शुरू किया।पूछा कितने पढ़े होघ् किस विषय से स्नातक कियाघ् आरटीआई मांगने का क्या उद्देश्य हैघ् एडमिशन कराते समय आरटीआई मांगना चाहिए था कि फीस कितनी है, कितने दिन स्कूल आना पड़ेगा, सड़क पर पढ़ाया जाएगा या बिल्डिंग में। ग्रेजुएशन तक पढ़े अभी तक क्यों नही पूछे प्रश्न। आइडेंटिटी कार्ड क्या होता है।
जेई आमोद कुमार ने आगे कहा कि आप असंतुष्ट न हो इसलिए हम आये है, जवाब बहुत जल्द आपको मिल जाएगा। यह सब सवाल हमसे आकर पूछ सकते थे, लाइन मैन से पूछ लेते। जिस पर आवेदक ने कहा कि आपसे बात करने पावरहाउस गया था लेकिन जानकारी नही मिल पाई इसलिए आरटीई विभाग से मांगी है। इस संबंध में अवर अभियंता आमोद कुमार ने बताया कि आवेदक को संतुष्ट करने घर गया था। लिखित सूचना बनाकर पोर्टल पर दिया जाएगा।