नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को वियंतियाने में लाओ पीडीआर के प्रधानमंत्री सोनेक्से सिफानडोन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। उन्होंने लाओ पीडीआर के प्रधानमंत्री को 21वें आसियान-भारत और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी करने पर बधाई दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए लिखा कि लाओ पीडीआर के प्रधानमंत्री सिफानडोन के साथ शानदार बैठक हुई। आसियान से संबंधित शिखर सम्मेलनों के मेजबान के रूप में लाओ पीडीआर के लोगों की गर्मजोशी और आतिथ्य की सराहना की। हम अपने देशों के बीच विकास साझेदारी को और मजबूत करना चाहते हैं, खासकर कौशल, ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में।
विदेश मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत-लाओस सभ्यतागत और समकालीन संबंधों को और मजबूत बनाने पर सार्थक बातचीत की। उन्होंने द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों जैसे विकास साझेदारी, क्षमता निर्माण, आपदा प्रबंधन, नवीकरणीय ऊर्जा, विरासत बहाली, आर्थिक संबंध, रक्षा सहयोग और लोगों के बीच आपसी संबंधों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री सिफानडोन ने तूफान यागी के बाद लाओ पीडीआर को भारत द्वारा प्रदान की गई बाढ़ राहत सहायता के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। दोनों नेताओं ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा भारत की सहायता से यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल वट फू का चल रहा जीर्णोद्धार और संरक्षण द्विपक्षीय संबंधों को एक विशेष आयाम प्रदान करता है। दोनों प्रधानमंत्रियों ने क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों पर दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। प्रधानमंत्री सिफ़ानडोन ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की भूमिका की पुष्टि की। भारत ने 2024 के लिए आसियान की अध्यक्षता लाओ पीडीआर को सौंपे जाने का पुरज़ोर समर्थन किया है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार वार्ता के बाद दोनों नेताओं की उपस्थिति में रक्षा, प्रसारण, सीमा शुल्क सहयोग और मेकांग-गंगा सहयोग के तहत तीन त्वरित प्रभाव परियोजनाओं (क्यूआईपी) के क्षेत्र में समझौता ज्ञापनों/समझौतों का आदान-प्रदान किया गया। क्यूआईपी लाओ रामायण की विरासत के संरक्षण, रामायण से संबंधित भित्ति चित्रों के साथ वाट पकेया बौद्ध मंदिर के जीर्णोद्धार और चंपासक प्रांत में रामायण पर छाया कठपुतली थिएटर को समर्थन से संबंधित हैं। तीनों क्यूआईपी में प्रत्येक के लिए लगभग 50 हजार अमेरिकी डॉलर की भारत सरकार की अनुदान सहायता है। भारत लाओ पीडीआर में पोषण सुरक्षा में सुधार के लिए लगभग एक मिलियन अमेरिकी डॉलर की अनुदान सहायता भी देगा। भारत संयुक्त राष्ट्र विकास साझेदारी कोष के माध्यम से यह सहायता दक्षिण-पूर्व एशिया में कोष की पहली ऐसी परियोजना होगी।