नई दिल्ली । संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया में एक अरब से भी ज्यादा लोग घोर गरीबी में जीवन यापन कर रहे हैं और इनमें से आधे बच्चे हैं ।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की ऑक्सफोर्ड गरीबी एवं मानव विकास पहल की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि 83 प्रतिशत से अधिक गरीब लोग ग्रामीण इलाकों में रहते हैं और इन लोगों के इतने प्रतिशत ही उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया में रहते हैं। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम और ऑक्सफोर्ड 2010 से ही हर साल बहु आयामी गरीबी सूचकांक जारी कर रहे हैं जिनमें स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवनस्तर सहित 10 संकेतकों को आधार बनाया जाता है। इस साल के सूचकांक में दुनिया के 112 देशों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया जिनमें दुनिया की 6.3 अरब आबादी निवास करती है।
सूचकांक के मुताबिक 1.1 अरब लोग घोर गरीबी में जीवन यापन कर रहे हैं जिनमें से करीब आधे पांच देशों भारत (23.4 करोड़), पाकिस्तान (9.3 करोड़), इथियोपिया (8.6 करोड़), नाइजीरिया (7.4 करोड़) और कांगो (6.6 करोड़) में निवास करते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक घोर गरीबी में रह रहे लोगों में करीब आधे यानी 58.4 करोड़ बच्चे हैं जिनकी उम्र 18 साल से कम है। उनमें से 31.7 करोड़ लोग उप सहारा अफ्रीका में रहते हैं जबकि 18.4 करोड़ लोगों का निवास स्थान दक्षिण एशिया है। इसके मुताबिक अफगानिस्तान में गरीबी बढ़ी है और गरीब बच्चों का अनुपात और भी अधिक लगभग 59 प्रतिशत है।