भारत के 51वें चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने भी झेला है बंटवारे का दर्द

-दादा सरव दयाल का अमृतसर में बनाया घर जला दिया गया था

नई दिल्‍ली । देश के 51वें चीफ जस्टिस बने संजीव खन्‍ना के जीवन से जुड़ी एक सबसे कड़वी सच्चाई सामने आ रही है। सीजेआई खन्‍ना भी पड़ोसी देश पाकिस्‍तान की गंदी साजिश का शिकार हो चुके हैं। साल 1947 में जब भारत अग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था तब देश को बंटवारे का दंश झेलना पड़ा था। इस बंटवारे की आग में सीजेआई संजीव खन्‍ना का अमृतसर में घर जला दिया गया था। तब वह पांच साल के थे। यह घर आजादी से पहले उनके दादा सरव दयाल ने बनवाया था।
खन्‍ना के दादा सरव दयाल अपने समय के एक प्रतिष्ठित वकील थे। सरव दयाल 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड को संबोधित करने वाली कांग्रेस समिति के सदस्य भी थे। उन्‍होंने अपने जीवनकाल में दो घर बनवाए थे। एक घर अमृतसर में जलियांवाला बाग के पास कटरा शेर सिंह में स्थित है तो दूसरा हिमाचल प्रदेश के डलहौजी में। एक रिपोर्ट के मुताबिक जब भी सीजेआई खन्ना अमृतसर जाते हैं, तो वे कटरा शेर सिंह में जाकर रुकते हैं। हालांकि अमृतसर का घर 1970 में उनके दादा के देहांत के बाद बेच दिया गया था।

पिछले कुछ सालों में अमृतसर का यह क्षेत्र पूरी तरह बदल गया है। ऐसे में कम उम्र में इस जगह वक्‍त गुजारने वाले सीजेआई खन्‍ना के लिए आज भी अपने घर की तलाश जारी है। यह एक ऐसी जगह जो अभी भी उनकी यादों को समेटे हुए है। 1947 में भारत में स्वतंत्रता के दौरान लोगों ने अमृतसर में स्थित उनके घर को आग लगा दी थी। ये वह दौरा था जब जस्टिस संजीव खन्‍ना पांच साल के थे। बाद में वह अपने पिता के साथ घर देखने गए थे। घर पर एक साइनबोर्ड था जिस पर लिखा था बाउजी। इस बोर्ड को अब भी परिवार के संभाल कर रखा है।

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