क्या होने वाला है कुछ बड़ा : यूक्रेन ने पहली बार रूस पर अमेरिकी मिसाइलें दागीं, बाइडेन ने 2 दिन पहले दी थी मंजूरी

यूक्रेन ने पहली बार रूस पर अमेरिकी मिसाइलें दागीं, बाइडेन ने 2 दिन पहले दी थी मंजूरी; पुतिन ने परमाणु हमले की धमकी दी थी

रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन ने पहली बार अमेरिका से मिली लंबी दूरी की मिसाइलें उनके इलाके में दागी हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन ने मंगलवार सुबह ब्रियांस्क इलाके में लंबी दूरी वाली 6 आर्मी टेक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) मिसाइलें दागीं।

रूस ने कहा कि उन्होंने 5 मिसाइलों को मार गिराया है। रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन और अमेरिका के अधिकारियों ने भी रूस पर ATACMS का इस्तेमाल किए जाने की पुष्टि की है। इस मामले पर अमेरिका और यूक्रेन सरकार ने कोई बयान नहीं दिया है।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने सितंबर में अमेरिका को धमकी दी थी कि अगर अमेरिका ने लंबी दूरी के हथियारों के इस्तेमाल की मंजूरी दी तो परमाणु जंग छिड़ जाएगी। ATACMS एक सुपरसॉनिक बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम है। यह 300 किमी तक सटीक हमला कर सकता है।

बाइडेन ने 2 दिन पहले दी थी मंजूरी यूक्रेन के पास अमेरिका का आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) हैं। दरअसल, दो दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने यूक्रेन को रूस के भीतर लंबी दूरी की मिसाइलों के इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।

अमेरिका ने अक्टूबर 2023 में ही यूक्रेन को ATACMS मिसाइलें दी थीं, लेकिन शर्तों के मुताबिक वह इसका इस्तेमाल दुश्मनों के खिलाफ अपनी ही जमीन के भीतर कर सकता था। अमेरिका ने पहले इसे रूस पर इस्तेमाल न करने को कहा था कि क्योंकि इससे रूस-यूक्रेन युद्ध और खतरनाक होने का अंदेशा था। लेकिन अब वह पाबंदी हटा दी गई है।

बाइडेन के इस फैसले के बाद यूक्रेन के पड़ोसी देश नॉर्वे, स्वीडन और फिनलैंड ने अपने नागरिकों को हमलों से बचाव के लिए तैयार रहने को कहा। नॉर्वे NATO का संस्थापक मेंबर रहा है। वहीं बाकी दोनों देश यूक्रेन जंग के बाद इससे जुड़े हैं।

यूक्रेन जंग के 1000 दिन पूरे, पुतिन ने परमाणु हथियार से जुड़ा नियम बदला यूक्रेन को ATACMS मिसाइलों की अनुमति मिलने के ठीक 2 दिन बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की इजाजत देने से जुड़े एक फैसले को मंजूरी दी है। मंगलवार को यूक्रेन जंग के 1000 दिन पूरे हुए हैं।

इसके मुताबिक अगर कोई देश जिसके पास परमाणु हथियार नहीं हैं, अगर वो किसी न्यूक्लियर पावर वाले देश के सपोर्ट से रूस पर हमला करता है तो इसे रूस के खिलाफ जंग का ऐलान समझा जाएगा। ऐसी स्थिति में मॉस्को न्यूक्लियर हथियार का इस्तेमाल कर सकता है।

पूर्व रूसी राष्ट्रपति बोले- तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हुई रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने कहा है कि तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हो चुकी है। मेदवेदेव ने अपने टेलीग्राम चैनल पर कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन को रूस के भीतर मिसाइल हमला करने की अनुमति देकर इसकी शुरुआत कर दी है।

मेदवेदेव ने कहा कि बाइडेन चाहते हैं कि आधी दुनिया न्यूक्लियर हमले में खत्म हो जाए। बाइडेन प्रशासन रूस को उकसाने के लिए जानबूझकर ऐसे फैसले ले रहा है। ट्रम्प टीम को इससे निपटना होगा।

पूर्व रूसी राष्ट्रपति ने कहा-

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बाइडेन के फैसले की वजह से ही रूस को नए परमाणु सिद्धांत को बदलने की जरूरत पड़ी है। इसका मतलब है कि हमारे देश के खिलाफ दागी गईं नाटो की मिसाइलों को रूस पर हमला माना जाएगा। रूस, यूक्रेन या फिर किसी भी नाटो देशों के खिलाफ न्यूक्लियर हथियारों से हमला कर सकता है।QuoteImage

दिमित्री मेदवेदेव ने कहा कि अमेरिका के फैसले से यूक्रेन जंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

रूसी राष्ट्रपति ने कहा था इजाजत का मतलब NATO का युद्ध में उतरना समझा जाएगा

पिछले कुछ समय से अमेरिका और ब्रिटेन यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल इस्तेमाल करने की इजाजत देने पर विचार कर रहे थे। इस पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने चेतावनी दी थी कि ऐसे हथियारों के इस्तेमाल करने की इजाजत देने का मतलब यह समझा जाएगा कि NATO, रूस के खिलाफ जंग में उतर चुका है। उन्होंने कहा था कि अगर ऐसा होता है तो वे इसका जवाब जरूर देंगे।

पुतिन ने एक सरकारी टीवी चैनल पर कहा था कि अमेरिका के यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल इस्तेमाल करने की इजाजत देने से बहुत कुछ बदल जाएगा। इन हथियारों का इस्तेमाल सैटेलाइट के बिना संभव नहीं है। यूक्रेन के पास ऐसी तकनीक नहीं है। यह केवल यूरोपीय यूनियन के सैटेलाइट या फिर अमेरिकी सैटेलाइट की मदद से ही हो सकता है।

पुतिन ने यह भी कहा था कि सिर्फ NATO सैन्यकर्मियों ने ही इन मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल करने के लिए ट्रेनिंग ले रखी है। यूक्रेनी सैनिक ये मिसाइल ऑपरेट नहीं कर सकते।

पुतिन ने कहा कि यूक्रेन को लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल करने की मंजूरी मिलती है तो वो समझेंगे कि जंग में NATO की एंट्री हो चुकी है।

लंबे समय से अमेरिका से इजाजत मांग रहा था यूक्रेन 

यूक्रेन लंबे समय से अमेरिका और ब्रिटेन से लंबी दूरी तक हमला करने वाले हथियारों का इस्तेमाल करने की इजाजत मांग रहा था। दरअसल अमेरिका ने अक्टूबर 2023 में ही यूक्रेन को लंबी दूरी की आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) मिसाइलें दी थीं, लेकिन शर्तों के मुताबिक वह इसका इस्तेमाल दुश्मनों के खिलाफ अपनी ही जमीन के भीतर कर सकता था। अब वह पाबंदी हटा दी गई है।

इससे पहले फ्रांस ने भी यूक्रेन को लंबी दूरी की स्टॉर्म शैडो मिसाइलें दी थीं। यह 250 किलोमीटर तक टार्गेट पर निशाना लगा सकती है, लेकिन उसकी भी ये शर्त थी कि यूक्रेन इसका इस्तेमाल अपनी सीमा के भीतर ही करे।

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