प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र से पूर्व दिए अपने संदेश में कहा कि जिन्हें जनता ने नकारा वह संसद में हुड़दंग कर लोकतंत्र की भावना को ठेस पहुंचा रहे हैं। विपक्ष से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि यह समय पश्चाताप करने का है और सकारात्मक तौर पर चर्चा में भाग लेने का है।
परंपरागत तौर पर प्रधानमंत्री संसद सत्र शुरू होने से पहले संसद परिसर में मीडिया को संबोधित करते हैं। अपनी सरकार के तीसरे कार्यकाल के तीसरे सत्र के आरंभ से पूर्व प्रधानमंत्री ने संविधान निर्माण के 75 वर्ष पूरे होने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कल संविधान सदन में सभी मिलकर संविधान के उत्सव की शुरुआत करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान में सांसद और सांसद को विशेष महत्व दिया गया है। हमें इस सत्र का इस्तेमाल कर सशक्त होते भारत का दृष्टिकोण सामने रखना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों को हाल ही में हुए राज्यों के विधानसभा चुनावों ने मजबूत किया है। विपक्ष पर इस जनादेश को स्वीकार नहीं करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष के प्रमुख दल पर संविधान की भावना के विपरीत सदन को चलने नहीं देते।
उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए संसद को हुड़दंगबाजी से कंट्रोल करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। उनका अपना मकसद तो सफल नहीं होता, लेकिन देश की जनता उनके सारे व्यवहार देखती है और जब समय आता है तो उन्हें सजा भी देती है। उनकी चालें अंततः विफल हो जाती हैं, लेकिन जनता उनके व्यवहार को बारीकी से देखती है और समय आने पर न्याय करती है!”
उन्होंने कहा कि युवा सांसदों की अगली पीढ़ी को तैयार करने के लिए मिलने वाले अवसर को बर्बाद कर देते हैं। संसद में स्वस्थ बहस होनी चाहिए और चर्चाओं में अधिकतम और उचित भागीदारी होनी चाहिए।