पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को लेकर केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने एक बड़ा अलर्ट जारी किया है। रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश स्थित दो कट्टरपंथी संगठनों, जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) और हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) के सदस्य अधिकारी को निशाना बना सकते हैं। इन संगठनों के कुछ सदस्य पहले ही भारत की सीमा में प्रवेश कर चुके हैं।
खुफिया एजेंसियों ने बताया कि शुभेंदु अधिकारी को सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान निशाना बनाया जा सकता है। अधिकारी हाल ही में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और हिंदू धार्मिक स्थलों पर हो रहे हमलों के खिलाफ मुखर रहे हैं।
इस खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने शुभेंदु अधिकारी की सुरक्षा बढ़ा दी है। अब उन्हें पूरे भारत में “जेड” श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इससे पहले, उन्हें केवल पश्चिम बंगाल के बाहर “वाई” श्रेणी की सुरक्षा मिलती थी।
खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, हिज्ब-उत-तहरीर के दो सक्रिय सदस्य हाल ही में बांग्लादेशी पासपोर्ट के साथ छात्र बनकर भारत आए हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों में कुछ स्थानीय युवाओं से मुलाकात की। इन बैठकों में धार्मिक मुद्दों पर चर्चा के बाद इन युवाओं को सीमावर्ती क्षेत्रों में स्लीपर सेल खोलने के लिए प्रेरित किया गया।
इन बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान रिदवान मारूफ और सब्बीर आमिर के रूप में हुई है। पश्चिम बंगाल पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां इन गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। राज्य सरकार ने अपने खुफिया विभाग को सतर्क रहने और सभी आवश्यक सुरक्षा कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इस ताजा अलर्ट के बाद राज्य और केंद्र की सुरक्षा एजेंसियां तमाम सतर्कता भारत रही हैं।