काबुल । बीते रोज पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर ताबड़तोड़ हवाई हमले कर दिए। इससे 15 से अधिक लोगों की मौत हो गई। इस हमले से तिलमिलाय तालिबानी शासन ने कहा कि ये हमारी संप्रभुता की रक्षा का सवाल है हम पाकिस्तान को किसी भी सूरत में नहीं छोड़ेंगे।
पाकिस्तानी सेना के करीबी सूत्रों ने बताया कि हमला सीमा के पास तालिबान के ठिकानों को निशाना बनाकर किया गया था। हालांकि पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की है। बीते कुछ दिनों से पाकिस्तान और तालिबान हुकूमत के बीच संघर्ष शुरू होता नजर आ रहा है। तालिबान के क्षेत्रीय संगठन पाकिस्तानी तालिबान जिसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के नाम से भी जाना जाता है, ने हाल के महीनों में पाकिस्तानी सेना पर लगातार हमले किए हैं जिससे पाकिस्तान को खून खौल रहा है। पाकिस्तान ने तालिबान पर इन आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाया है। तालिबान रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्लाह ख़्वारज़मी ने पाकिस्तान के दावों का खंडन किया है। उन्होंने कहा है कि हवाई हमले में ज्यादातर वज़ीरिस्तानी शरणार्थी मारे गए हैं। ख़्वारज़मी ने कहा कि हमले में कई बच्चे और अन्य नागरिक मारे गए हैं और कई लोग घायल हुए हैं।
हवाई हमलों के बाद इलाके में तनाव और बढ़ गया है। मरने वालों में एक ही परिवार के पांच लोग शामिल हैं। खबरों के मुताबिक हमलों के बाद बचाव कार्य जारी है। इस बीच तालिबान के रक्षा मंत्रालय ने पक्तिका पर हुए हवाई हमले के बाद जवाब देने की कसम खाई है। तालिबान ने कहा है कि अपनी धरती और संप्रभुता को बचाने के लिए कुछ भी कर सकता है। समूह ने हमले की निंदा करते हुए बताया है कि पाकिस्तान ने इन हमलों में वजीरिस्तानी शरणार्थियों को निशाना बनाया। वज़ीरिस्तानी शरणार्थी वे लोग हैं जो पाकिस्तान के कबायली इलाकों में सेना के हमलों के बाद विस्थापित हुए थे।