अंकुर मोदी, क्लस्टर हेड – दक्षिण एशिया और इंडोचाइना, फिलिप मॉरिस इंटरनेशनल (पीएमआई) ने अवैध तंबाकू व्यापार को खत्म करने की तत्काल आवश्यकता और इस खतरे से निपटने के लिए पीएमआई के चल रहे अवैध विरोधी प्रयासों पर प्रकाश डाला।
अवैध व्यापार समाज के लिए एक गंभीर खतरा है। इसकी वजह से न केवल सरकारों को टैक्स रेवेन्यू में लाखों करोड़ों का नुकसान होता है, बल्कि उपभोक्ताओं को अनियमित उत्पादों का इस्तेमाल करना होता है। फिलिप मॉरिस इंटरनेशनल (पीएमआई) के दक्षिण एशिया और इंडोचाइना के क्लस्टर हेड अंकुर मोदी ने अवैध तंबाकू व्यापार को समाप्त करने की तत्काल जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने इस समस्या से निपटने की दिशा में पीएमआई के जारी अवैध-व्यापार विरोधी प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया।
- अवैध तम्बाकू व्यापार दुनिया के लिए एक आपदा की तरह है। इस अवैध व्यापार का प्रभाव कितना व्यापक है?
अवैध तम्बाकू व्यापार वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं और रोजगार दोनों के लिए नुकसानदेह है, जिसके कारण दुनिया भर की सरकारों को 40.5 बिलियन डॉलर का टैक्स घाटा होता है। रिपोर्ट्स बताती है कि विश्व भर की कुल सिगरेट खपत में लगभग 12% अवैध हैं।
केपीएमजी के वैश्विक अध्ययन के अनुसार, नकली और तस्करी वाली सिगरेट के कारण यूरोप की सरकारों को 2023 में अनुमानतः 11.6 बिलियन यूरो का कर राजस्व नुकसान हुआ। यूरोमॉनीटर रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में पी जाने वाली चार में से एक सिगरेट अवैध है, जिससे लगभग 2 बिलियन डॉलर का टैक्स घाटा होता है।
ट्रेसिट की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण पूर्व एशिया में नकली उत्पादों का बाजार सालाना लगभग 35 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है। नकली और प्रतिबंधित उत्पाद एक अंतरराष्ट्रीय समस्या है और यह सोर्स, ट्रांजिट और गंतव्य देशों के बीच परस्पर जुड़ा हुआ है।
- आंकड़ों के लिहाज से भारत में अवैध तम्बाकू व्यापार कितना बड़ा है?
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तस्करी की गई और स्थानीय स्तर पर निर्मित टैक्स-चोरी वाली सिगरेट्स को मिलाकर देखें तो भारतीय तंबाकू संस्थान (टीआईआई) के मुताबिक अवैध सिगरेट व्यापार भारत में सिगरेट उद्योग का लगभग एक-चौथाई हिस्सा है। फिक्की कैस्केड रिपोर्ट से पता चलता है कि सरकार को 2022 में अवैध तम्बाकू व्यापार के कारण 13,331 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में भारत में अवैध सिगरेट की मात्रा 30.2 बिलियन स्टिक तक पहुंच गई, जो केवल चीन और ब्राजील से पीछे है।
खुफिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि अवैध सिगरेटों की भारत में बंदरगाहों, हवाई अड्डों और स्थल सीमाओं के माध्यम से तस्करी की जाती है। हालांकि कानूनी एजेंसियां कई भारतीय शहरों में अवैध सिगरेट जब्त करने में सफल रही हैं, लेकिन उन्हें अवैध सिगरेट को खाद्य उत्पाद, कालीन, वस्त्र आदि के रूप में गलत तरीके से छिपाए जाने की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। तस्करी की गई 65% सिगरेटें कंटेनर्स में छिपाकर लाई जाती हैं, जबकि 23% सड़क वाहनों द्वारा और 5% हवाई माल के रूप में लाई जाती हैं।
इसलिए इस समस्या का अंतरराष्ट्रीय समाधान जरूरी है।
- अन्य उद्योगों की तरह, सरकार भी इस मामले में निश्चित रूप इंडस्ट्री से सहयोग की अपेक्षा करेगी। भारत में पीएमआई अवैध सिगरेट व्यापार की इस समस्या से निपटने के लिए क्या कुछ कर रहा है?
अवैध व्यापार को समाप्त करना लंबे समय से हमारी प्राथमिकता रही है। अवैध तम्बाकू व्यापार से निपटने के लिए हमने एक व्यापक रणनीति तैयार की है और इस दिशा में पहला कदम कालाबाजारियों की तरफ से अपनाई जा रही रणनीतियों को समझने के लिए गहन शोध और खुफिया जानकारी जुटाना है। इसके बाद सरकार के साथ बढ़ी हुई साझेदारी के माध्यम से आपूर्ति श्रृंखला की सुरक्षा के लिए मजबूत सुरक्षा उपाय किए जाएंगे।
हमने अवैध नेटवर्क को नष्ट करने के लिए कानूनी एजेंसियों के साथ सहयोग भी बढ़ाया है। इसके अलावा, हम अवैध उत्पादों के उपयोग के खतरों के बारे में नागरिकों के बीच सक्रिय रूप से जागरूकता बढ़ा रहे हैं। हम यह भी सुनिश्चित करते हैं कि वास्तविक उत्पाद उन लक्षित बाजारों में ही जाएं, जहां टैक्स का भुगतान किया जाता है। हमारे पास एक विश्वव्यापी कार्यक्रम भी है जो यह सुनिश्चित करता है कि उच्च जोखिम वाले देश इन समस्याओं को रोकने के लिए आवश्यक उपायों को लागू कर रहे हैं।
- आपके मुताबिक इस समस्या से निपटने के लिए कौन से समाधान कारगर होंगे?
उपभोक्ता वस्तुओं पर अत्यधिक टैक्स या प्रतिबंध की तुलना में सख्त नियमों और जुर्माने ने जालसाजी के खतरे को कम कर दिया है। इसके अतिरिक्त, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के तहत मौजूदा मुक्त व्यापार समझौतों का लाभ उठाने की जरूरत है, क्योंकि सदस्य देशों के बीच विस्तारित सहयोग को बढ़ावा देने के प्रावधान हैं। नकली उत्पादों की निगरानी और पता लगाने के लिए डिजिटली सत्यापित ट्रैक-एंड-ट्रेस सिस्टम, होलोग्राम और क्यूआर कोड जैसी नए जमाने की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए आपूर्ति श्रृंखलाओं को भी मजबूत करने की आवश्यकता है।
अगर हम अवैध तम्बाकू के व्यापार को पूरी तरह से खत्म करना चाहते हैं, तो हमें कई तरह के उपायों को एक साथ करना होगा। लोगों को तम्बाकू से होने वाले नुकसान के बारे में बताना होगा और उन्हें अवैध तम्बाकू खरीदने से रोकना होगा। अवैध तम्बाकू बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी और कानून को और मजबूत बनाना होगा। इसके व्यापार से जो पैसा मिलता है, उसका पता लगाना होगा और उसे रोकना होगा। सरकार और निजी कंपनियों को मिलकर काम करना होगा और अवैध तम्बाकू के व्यापार को खत्म करने के लिए प्रयास करने होंगे।