
उरई । जिले में 31 साल पुराने दोहरे हत्याकांड में सोमवार को बड़ा फैसला आया। अपर सत्र न्यायालय/ईसी एक्ट कोर्ट ने कालपी क्षेत्र से 2007 से 2012 तक बसपा विधायक रहे और वर्तमान में भाजपा नेता छोटे सिंह चौहान को दोषी करार दिया है। न्यायालय ने उनकी हाजिरी माफी खारिज करते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया। अब इस मामले में 11 सितम्बर को सजा सुनाई जाएगी।
घटना 30 मई 1994 की है। चुर्खी थाना क्षेत्र के विनौरा वैद गांव निवासी रामकुमार ने रिपोर्ट दी थी कि वह अपने भाइयों जगदीश शरण, राजकुमार उर्फ राजा भैया व अन्य परिजनों के साथ घर के बरामदे में बैठा था। इसी दौरान गांव के ही रुद्रपाल सिंह उर्फ लल्ले गुर्जर, राजा सिंह, संतावन सिंह गुर्जर, करन सिंह उर्फ कल्ले सहित कई लोग हथियारों से लैस होकर घर में घुस आए और ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इसमें राजकुमार और जगदीश शरण की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि एक अन्य घायल हो गया था।
पुलिस ने विवेचना में छोटे सिंह चौहान समेत अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। गिरफ्तारी से बचने के लिए छोटे सिंह ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। बाद में 2007 में वह बसपा से कालपी के विधायक भी बने। इस बीच उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली और राज्यपाल ने केस वापस लेने का आदेश दिया। लेकिन वादी पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां से राज्यपाल का आदेश निरस्त कर दिया गया और मुकदमे की सुनवाई का निर्देश दिया गया।
उच्चतम न्यायालय के आदेश पर हाल ही में उरई में सुनवाई शुरू हुई। सोमवार को न्यायाधीश भारतेंदु ने छोटे सिंह को दोषी करार दिया और गिरफ्तारी वारंट जारी किया। अब 11 सितम्बर को अदालत सजा सुनाएगी।