
देहरादून । उत्तराखंड में पंजीकृत कुल 5388 वक़्फ़ संपत्तियों में से कितनी संपत्तियों पर अतिक्रमण है, इस संबंध में फिलहाल उत्तराखंड वक़्फ़ बोर्ड के पास कोई स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को निर्देश दिए हैं कि वक़्फ़ संपत्तियों का संपूर्ण ब्यौरा अद्यतन कर शीघ्र उपलब्ध कराया जाए।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में यह तथ्य सामने आया। इस दौरान डॉ. धकाते ने वक़्फ़ संपत्तियों के समयबद्ध पंजीकरण और प्रबंधन को लेकर सख्त निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि सभी वक़्फ़ संपत्तियों का रिकॉर्ड भारत सरकार के ‘उम्मीद पोर्टल’ पर अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाए। साथ ही जिन मामलों से संबंधित प्रकरण न्यायालयों में लंबित हैं, उनकी प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की जाए, ताकि अतिक्रमण पर रोक लगाई जा सके और संपत्तियों की सुरक्षा हो।
डॉ. धकाते ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी का स्पष्ट निर्देश है कि वक़्फ़ बोर्ड पारदर्शी तरीके से अद्यतन रिकॉर्ड तैयार करे और विभाग को नियमित रूप से प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करे, ताकि राज्य की सभी वक़्फ़ संपत्तियों का संरक्षण और बेहतर उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार:-
-राज्य में सबसे अधिक वक़्फ़ संपत्तियां देहरादून जिले में 1,930, हरिद्वार में 1,721, उधमसिंह नगर में 949 और नैनीताल में 457 हैं।
-पर्वतीय जिलों में अपेक्षाकृत कम संपत्तियां दर्ज हैं। इनमें अल्मोड़ा में 94, पौड़ी में 60, टिहरी में 128, चंपावत में 13, बागेश्वर में 2 और रुद्रप्रयाग में 2 संपत्तियां शामिल हैं।
वक़्फ़ संपत्तियों के प्रकार:-
1,799 बिल्डिंग्स, 1,074 दुकानें, 712 मकान, 769 कब्रिस्तान, 725 मस्जिदें और 203 मदरसे/मकतब दर्ज हैं। इसके अलावा कृषि भूमि, प्लॉट, स्कूल, इमामबाड़ा, ह़ुजरा, दरगाह-मजार और अन्य श्रेणियों की संपत्तियां भी सूचीबद्ध हैं।
बतादें कि उत्तराखंड सरकार अब तक सरकारी संपत्तियों पर हुए अवैध कब्ज़ों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करते हुए 9,000 एकड़ भूमि को अतिक्रमण मुक्त करा चुकी है।
बैठक में उत्तराखंड वक़्फ़ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सईद शिराज़ उस्मान, निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण राजेन्द्र कुमार, उप सचिव हिरा सिंह बसेड़ा सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।