अनोखी परंपरा : जहाँ पुतला दहन की जगह होता है रावण का सिर कलम

मीरजापुर । विजयदशमी पर्व पर जहां देश भर में रावण दहन की परम्परा निभाई जाती है, वहीं हलिया ब्लॉक के ड्रमंडगंज में लगभग डेढ़ शताब्दी पुरानी अनूठी परम्परा आज भी जीवंत है। यहां दशहरे पर रावण का पुतला दहन नहीं किया जाता, बल्कि भगवान श्रीराम द्वारा उसके दस सिरों का प्रतीकात्मक सिर कलम किया जाता है।

ड्रमंडगंज बाजार में रामलीला कमेटी द्वारा लोहे से बने दस सिर वाले विशालकाय रावण का पुतला तैयार कराया गया है। पुतला बनाने वाले कलाकार मनोज जायसवाल और उनकी टीम ने बताया कि बुधवार देर शाम तक रावण का यह अनोखा स्वरूप पूरी तरह तैयार हो जाएगा।

रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अंजनी सोनी ने कहा कि यह परम्परा पूर्वजों के समय से चली आ रही है और इसे जीवंत बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। विजयदशमी के दिन रामलीला दशहरा मैदान में भगवान श्रीराम द्वारा रावण का सिर कलम कर परम्परा का पुनर्स्थापन किया जाएगा।

इस अनोखे आयोजन को देखने के लिए न सिर्फ ड्रमंडगंज क्षेत्र, बल्कि मध्य प्रदेश और प्रयागराज जिले के कोरांव क्षेत्र से भी भारी भीड़ उमड़ती है। हर साल की तरह इस बार भी दशहरे पर ड्रमंडगंज का मैदान दर्शकों से खचाखच भरा रहने की उम्मीद है।

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