मायावती की पार्टी के सामने अस्तित्व का संकट, संसद में शून्य हो सकती है BSP की मौजूदगी

-राज्यसभा में बसपा के एकलौते सदस्य रामजी गौतम का कार्यकाल हो रहा समाप्त

नई दिल्ली । बहुजन समाज पार्टी का सियासी सिमटता जा रहा है और विधानसभा से लेकर संसद तक कमजोर होती जा रही है। यूपी की विधानसभा में बसपा का सिर्फ एक ही विधायक है जबकि विधान परिषद में कोई भी सदस्य नहीं है। संसद में लोकसभा के बाद अब 2026 में राज्यसभा में बसपा का कोई भी सांसद नहीं रह जाएगा। इस तरह बसपा की आवाज नवंबर 2026 में संसद में सुनाई नहीं देगी?

बता दें बसपा का 2024 के लोकसभा चुनाव में खाता नहीं खुल सका था। संसद में बसपा के एकलौते सदस्य रामजी गौतम हैं, जो राज्यसभा में हैं। रामजी गौतम का कार्यकाल 2026 में समाप्त हो जाएगा। इसके बाद संसद में बसपा का एक भी सदस्य नहीं रह जाएगा। बसपा के राजनीतिक इतिहास में पहली बार होगा जब संसद के दोनों सदनों में बसपा के सदस्य की संख्या शून्य हो जाएगी।

यूपी के 10 राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल नवंबर 2026 में खत्म हो रहा है। इन 10 राज्यसभा सांसदों में बीजेपी के 8, सपा और बसपा के एक-एक सदस्य हैं, जिनका कार्यकाल 25 नवंबर 2026 को खत्म हो रहा है। 2026 में रिटायर होने वाले राज्यसभा सांसदों में बीजेपी से बृजलाल, सीमा द्विवेदी, चंद्रप्रभा उर्फ गीता, हरदीप सिंह पुरी, दिनेश शर्मा, नीरज शेखर, अरुण सिंह और बीएल वर्मा शामिल हैं। सपा से प्रोफेसर रामगोपाल यादव हैं तो बसपा से रामजी गौतम हैं।
बसपा के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर रामजी गौतम फिलहाल बसपा के एकलौते राज्यसभा सदस्य हैं, जो 2019 में बीजेपी के समर्थन से सांसद बने थे। रामजी गौतम साल 2026 के आखिर में रिटायर हो रहे हैं यानि उनका छह साल का कार्यकाल खत्म हो रहा है। रामजी गौतम का राज्यसभा टर्म पूरा होने के साथ ही बसपा संसद में जीरो हो जाएगी। बसपा के वापसी का आसार भी कहीं से नहीं दिख रहा है।
बसपा 18वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में कोई सीट नहीं जीत पाई है।

इस चुनाव में उसे केवल 2.04 फीसदी वोट ही मिले हैं। इस तरह वह राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा रखने के पहले दो मानकों पर खरी नहीं उतरती है। हालांकि लोकसभा चुनाव के अंतिम आंकड़े अभी तक प्रकाशित नहीं हुए हैं।

तीसरा मानक है पार्टी को चार या उससे ज्यादा राज्यों में क्षेत्रीय दल के रूप में मान्यता हो, लेकिन बसपा इस मानक को पूरा नहीं करती है। देश में 2019 के बाद से अब तक हुए चुनाव में बसपा ने केवल यूपी में इस मानक को पूरा किया है। वहां उसने 2022 के विधानसभा चुनाव में 12.88 फीसदी वोट हासिल किया। 2024 के लोकसभा चुनाव में उसने राज्य स्तरीय पार्टी के मानक को पूरा किया है। वहां उसने 9.39 फीसदी वोट हासिल किया है। ऐसे में बसपा के लिए सियासी संकट गहरा गया है।

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