चीन के बाद कोरोना वायरस दुनिया के 70 से अधिक देशों में फैल चुका है और भारत में अभी तक इसके कुल 31 मामले सामने आ चुके हैं इसमें इटली के 16 पर्यटक भी शामिल हैं । हाल ही में गाजियाबाद से ही एक मामला सामने आया था। इस अधेड़ उम्र के व्यक्ति ने हाल ही में ईरान की यात्रा की थी। चीन में इस वायरस की वजह से अभी तक तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या एक लाख पार कर गई है।
कोरोना वायरस का फिलहाल कोई इलाज नहीं है। हालाकि, कुछ सावधानियां बारात कर हम इस वायरस से अपने आप को बचा सकते है। इससे बचने के लिए मास्क लगाना और बार-बार हाथ धोना जितना जरूरी है, उतना ही जरुरी है इस्तेमाल में आने वाले गैजेट्स की साफ-सफाई। स्मार्टफोन और दूसरे गैजेट्स को बैक्टिरिया और वायरस बड़ी आसानी से अपना घर बना लेते हैं। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे है जिनकी मदद से आप अपने गैजेट्स को साफ और सैनिटाइज्ड रख सकते है।

साबुन या हैंड सैनिटाइजर से साफ करे
अगर आपके पास IP68 रेटिंग वाला स्मार्टफोन है, तो आप उसे साबुन या हैंड सैनिटाइजर से साफ कर सकते हैं। ऐसा करने से पहले फोन को स्विच ऑफ कर लें।
आमतौर पर ऐल्कॉहॉल वाले किसी भी प्रॉडक्ट से गैजेट्स को क्लीन करने के लिए मना किया जाता है, लेकिन कभी-कभी ऐसा करना जरूरी हो जाता है। आप 60% ऐल्कॉहॉल कंटेंट वाले सलूशन (हैंड सैनिटाइजर) से अपने फोन को क्लीन कर सकते हैं।
अपने लैपटॉप को रखें साफ
कोरोना वायरस से बचाव के लिए लैपटॉप को भी साफ रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए सबसे पहले लैपटॉप को ऑफ कर दें और 60% ऐल्कॉहॉल वाले सलूशन से इसकी सफाई करें। सलूशन अगर ज्यादा लग गया हो तो उसे टिशू पेपर से सुखा दें।

रुमाल और स्मार्टफोन को न रखें साथ
कोरोना वायरस से सेफ्टी के लिए जरूरी है अपने स्मार्टफोन और रुमाल को एक साथ न रखा जाए। दिनभर में हम रुमाल और स्मार्टफोन का कई बार इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में इन दोनों को एक साथ रखने में इंफेक्शन का खतरा काफी बढ़ जाता है। रुमाल को हाथ पोछने के अलावा छींकने और खांसते वक्त भी हम अपने मुंह पर रख लेते हैं। वहीं, स्मार्टफोन को हम बार-बार हाथ धोकर नहीं उठाते। ऐसे में इन दोनों को अलग रखना ही सही है।
इयरफोन्स का करें इस्तेमाल
फोन छूने के बाद चेहरे पर हाथ लगाना इंफेक्शन को बुलावा देने जैसा है। ऐसे में वायरस से बचने के लिए आप इयरफोन्स का इस्तेमाल कर सकते है। ईयरफोन्स फोन और हमारे चेहरे के बीच जरूरी दूरी बनाए रखने के लिए एक बेस्ट गैजेट है

पब्लिक कंप्यूटर को कहें ‘NO’
सबसे बड़ी और जरुरी बात पब्लिक कंप्यूटर या साइबर कैफे का इस्तेमाल करने से बचें। दरअसल, वहां कई लोगों का आना होता है और वह लोग सिस्टम और यूज करते हैं। ऐसे में यह कहना मुस्किल होता है कि कौन इस वायरस से संक्रमित है। आपको बता दे, कोरोना वायरस के बारे में यह कहा जा रहा है कि यह वायरस दरवाजों के हत्थों, बसों और मेट्रो ट्रेन में सहारे के लिये पकड़े जाने वाली लोहे की छड़ों जैसी जगहों पर ये 9 दिनों तक जीवित रह सकता है। इतना ही नहीं 200 मीटर की दूरी तक अगर कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है तो फैल सकता है।