निर्भया के साथ हैवानियत करने वाले चारों दोषियों को शुक्रवार सुबह – सुबह फांसी पर लटका दिया गया । जल्लाद पवन ने चारों के फांसी के फंदे को उनकी आखिरी सांस तक कसे रखा । लेकिन क्या आपके भी जहन में ये सवाल है कि आखिर उस रस्सी का क्या होता है जिस पर गुनहगारों को फांसी की सजा मिलने पर लटकाया जाता है । इस खबर में जानें ऐसे सारे सवालों का जवाब । फांसी में प्रयोग की जाने वाली इस रस्सी को लेकर कई तरह की बातें कही जाती हैं ।
ब्रिटेन में थी ऐसी परंपरा
बात ब्रिटेन की करें तो जब वहां फांसी दी जाती थी तो इस रस्सी को जल्लाद को ही सौंप दिया जाता था । तब ऐसा माना जाता था कि कोई इस रस्सा का टुकड़ा घर पर रख ले या उसे गले में लॉकेट के साथ पहन ले तो उसकी किस्मत बदल सकती है । इतिहास में कई ऐसी बातें दर्ज हैं जिससे पता चलता है कि ब्रिटेन में जल्लाद इस रस्सी के टुकड़े कर उसे बेच देते थे । 1965 के साल में ब्रिटेन में फांसी पर रोक लगा दी गई ।
भारत में क्या किया जाता है ?
भारत में इस रस्सी के साथ क्या किया जाता है, अब वो जानिए । भारत में भी ये रस्सी जल्लाद को ही दे दी जाती है, या कहें जल्लाद ही इसे ले जाता है । कई देशों में इस रस्सी को काटकर जेल डेथ स्क्वॉड को ही दे दिया जाता है ।कई बार इस रस्सी को जला भी दिया जाता है । ऐसा कहते हैं कि जब बहुत विवादित कैदी या बड़े आतंकवादी को फांसी दी जाती है तो उसकी रस्सी को भी तुरंत नष्ट कर दिया जाता है ।
नाटा मलिक ने की खूब कमाई
साल 2004 में जब नाटा मलिक जल्लाद ने दुष्कर्म और मर्डर के दोषी धनंजय चटर्जी को फांसी पर लटकाया था तो उसने इस रस्सी को टुकड़ों में काटकर इसे बेचा और कमाई की । बताया जाता है कि उस दौरान मल्लिक ने खूब कमाई की । उस दौरान बंगाल में ये अंधविश्वास फैल गया कि इस रस्सी का लॉकेट पहनने से किस्मत पलट जाएगी, रोजगार मिल जाएगा, व्यापार में फायदा होगा और भी ऐसा बहुत कुछ । बताया जाता है कि जब ये बात कोलकाता में फैली तो जल्लाद के घर भीड़ लगने लगी । नाटा मल्लिक के पास पूर्व में दी गई फांसियों की भी रस्सी थी ।
उसने इसका फायदा उठाया और खूब कमाई की । कोलकाता के डेथ पेनल्टी एसोसिएशन ने तब कहा कि जल्लाद को ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं, मंदिरों में भी इसका बहुत विरोध हुआ । लेकिन इसके बाद भी नाटा मल्लिक ने जमकर ऐसी रस्सियां बेचीं । एक लॉकेट की रस्सी उसने करीब 2000 रुपये तक बेची थी ।