हम बिना सोचे-समझे कुछ भी खा लेते हैं| खाते वक्त हम यह भी ध्यान नहीं देते हैं की वह चीज दूषित भी हो सकती हैं| ऐसे में यदि कहाँ जाए की मछली खाने की वजह से एक शख्स का हाथ भी काटना पड़ा तो आप कहेंगे ये कैसे हो सकता हैं क्योंकि मछली खाना तो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं| लेकिन जरा सोचिए जिस मछली को आप खा रहें हैं, कहीं वो मछली दूषित तो नहीं क्योंकि आजकल के बदलते पर्यावरण का प्रभाव केवल मनुष्यों पर ही नहीं बल्कि जीव-जन्तु सभी पर पड़ रहे हैं| ऐसे में भला मछलियाँ इन सब से कैसे बच सकती हैं|
दरअसल साउथ कोरिया के एक शख्स को मछली खाना बहुत भारी पड़ गया। हुआ यूं कि उस शख्स के मछली खाने के 12 घंटे बाद ही उसका एक हाथ बॉल की तरह सूज गया और उसमें बहुत भयानक दर्द होने लगा। सूजन के साथ ही उसके हाथों में बड़े-बड़े छाले भी पड़ गए। जब डॉक्टरो को दिखाया गया तो मालूम हुआ कि मछली खाने की वजह से उस शख्स के हाथो में भयानक बैक्टीरियल इंफेक्शन हो गया है। इस बैक्टीरियल इंफेक्शन के तमाम इलाज नाकाम साबित हो गए| जिसकी वजह से उस शख्स की जान बचाने के लिए डॉक्टरो को मजबूरन उसका एक हाथ काटना पड़ा।
छालों ने ले लिया अल्सर का रूप
यह मामला सियोल से 118 मील दूर जियोनजू शहर का है| यही के रहने वाले 71 साल के एक बुजुर्ग ने सीफूड में सुशी फिश खाई थी। फिश खाने के बाद से ही बुजुर्ग का एक हाथ तेजी से फूलने लगा और उसे तेज बुखार के साथ हाथों में दर्द भी होने लगा। बुजुर्ग शख्स के हाथो में काले रंग के छाले पड़ गए और ये धीरे-धीरे पूरे हाथ में फैल गए थे| डॉक्टर के जांच के बाद विब्रियो वुल्निफिकस बैक्टीरिया इंफेक्शन की बात सामने आई।
इस इंफेक्शन से बचने के लिए डॉक्टरों ने एंटीबायोटिक इंजेक्शन भी दे लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा| डॉक्टरो ने बताया कि हाथों में हुए छालों ने अल्सर का रूप ले लिया हैं| अल्सर के वजह से जिंदा टिशू गलने लग गए और घाव बढ़ने लगा। इसके अलावा बुजुर्ग को डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की भी परेशानी थी जिसकी वजह से घाव का भरना मुश्किल हो गया और घाव न भरने पर उन्हें बुजुर्ग का एक हाथ काटना पड़ा। हाथ काटने के बाद ही बुजुर्ग शख्स की हालत में सुधार आया|
ये इंफेक्शन क्या है
दरअसल कच्चे सीफूड जैसे- शेलफिश, ओएस्टर और फिश खाने के वजह से लोगों को विब्रियो वुल्निफिकस बैक्टीरिया इंफेक्शन हो जाता हैं। इस इंफेक्शन से स्वस्थ्य लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं होती हैं| यदि स्वस्थ्य को यह इंफेक्शन हो भी जाता हैं तो यह जल्दी ही रिकवर कर लेते हैं| परंतु यह इंफेक्शन कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों और बुजुर्गों को बड़ी जल्दी अपनी चपेट में ले लेता है| जिसकी वजह से इनकी जान तक चली जाती है। इसलिए किसी नई चीज का सेवन करने से पहले उस चीज के बारे में अच्छे से जान ले|