इंडोनेपाल सीमा लॉक होने के बावजूद सक्रिय है तस्कर

धने जंगली रास्तो से नेपाली मेघाश्री गुटखा की बड़ी-बड़ी खेप पहुँच रही भारतीय क्षेत्र मे

बाबागंज/बहराइच। कोतवाली रुपईडीहा  के पूरब नेपाल सीमा से सटी अब्दुलागंज जंगल की वन श्रंखला व संपदा हैं। इसी घने वन मे एसएसबी की मुन्शीपुरवा व संतलिया गांव के पास एसएसबी का बीओपी स्थापित हैं। वन विभाग की ओर से नेपाली लकड़कटो से बचाने के लिए गहरी खाई खोदी गयीं हैं। इस खाई को पार कर नेपाल की ओर से मेघाश्री गुटखों की खेप भारतीय क्षेत्र मे खड़े दो पहिया व चार पहिया वाहनो पर लादने मे समय लगा होगा। इस क्षेत्र के दोनो ओर नेपाली सुरक्षा बलो व भारतीय क्षेत्र मे एसएसबी की बीओपी है।

नेपालगंज से मेघाश्री की 18 बोरियां  रातों रात कैसे पहुंची। यही नही भारतीय क्षेत्र मे एसएसबी की तैनाती हैं। दोनो देशों के सुरक्षा बलो की निरंतर गस्त के बावजूद इतनी भारी संख्या मे मेघाश्री लदे चार पहिया व दो पहिया वाहनो का पकड़ा जाना सीमावर्ती आम जनमानस को सुरक्षा कर्मियों की भूमिका पर सोचने के लिए विवश हो रहा हैं। जब स्थानीय थाने मे इन कैरियर्स के विरुद्ध लिखा पढी चल रही थी तब इस तस्करी का सरगना थाने के बगल मे खड़ा लोगों से हंस हंस  बातें कर रहा था। पकड़े गये लोग मात्र कैरियर हैं। जिन्हें सिर्फ दिहाड़ी मिलती हैं।

जब तक पुलिस तस्करी के मुखिया तक नही पहुंचेगी तस्करी बन्द नही होगी। न्यायालय से कैरियर व वाहन वकीलों की लब्बी चौड़ी बहस के बात छूट जायेंगे या जमानत हो जायेगी। तब तक तस्कर मुखिया गांव मे बेरोजगार घूम रहे युवको को अपने काम मे लगा लेगा। नेपाल सीमा से सटे गांव निबिया, मनवारिया, सीतापुरवा, लक्ष्मनपुर गुलालडीह, निधिनगर संकल्पा, सहजना, तिगड़ा, तिगड़ी व गुरुचाही आदि गांवो से होते हुए नेपाल उत्पादित मेघाश्री गुटखा बाबागंज, नानपारा, मटेरा, बहराइच, व गोण्डा तक पहुंच रहा हैं। भारतीय क्षेत्र से यूरिया, सुपरपावर , खलीलशाही तम्बाकू नेपाल व नेपाली क्षेत्र से पाकिस्तानी छुहारा, शिखर, खुखरी,सूर्या आदि सिगरेट की तस्करी की जा रही हैं। बीते एक सप्ताह मे  ताबडतोड नेपाली पुलिस ने इनकी बरामदगी भी की हैं।

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