बहराइच : मौसम के बदलते मिजाज से कृषि वैज्ञानिकों ने किसान को दिए टिप्स

बहराइच l मिहींपुरवा अचानक मौसम ने करवट ले ली है और वर्षा ने फिर से ठंडक का आभास कराया है। तेज बारिश और हवा के कारण ना सिर्फ गेहूँ की फसल खेत में ही लेट गई है बल्कि प्याज की फसल को काफ़ी नुकसान की आशंका है। कृषि विज्ञान केंद्र, नानपारा, बहराइच के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. के.एम. सिंह ने बताया कि अप्रत्याशित गर्म मौसम के बाद अत्यधिक पानी गिरने के कारण प्याज की फसल में झुलसा एवं बैंगनी धब्बा रोग की प्रबल परिस्थिती बन गई है, ऐसे में जिन किसान भाइयों ने पौधों को ज्यादा समीप लगाया है, उन्हें अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

केंद्र की पौध संरक्षण वैज्ञानिक डॉ. हर्षिता ने बताया कि बैंगनी धब्बा रोग ग्रसित पौधों की पत्तियों में बैंगनी रंग के धब्बे बन जाते हैं और उनके सिरे झुलस जाते हैं। ऐसे लक्षण दिखाई पड़ने पर तुरंत हेक्साकोनाज़ोल अथवा प्रोपिकोनाज़ोल 1-2 मि.ली. दवा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे करें। थ्रिप्स कीट के नियंत्रण हेतु इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. 2 मि. ली. प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। दवा का छिड़काव करते समय चिपकाने वाला पदार्थ जैसे ट्राईज़ोन या सैंडोविट मिला लेने से अधिक प्रभाव मिलता है। अच्छे उत्पादन के लिए इन दवाओं के साथ घुलनशील एन पी के (0:52:34) का 10 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल कर स्प्रे करें।

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