जरवल/बहराइच। छोटे भाई ने अपने बडे भाई के हिस्से की जमीन हडपने के लिए कूटरचित अभिलेख तैयार कर राजस्व अभिलेखों में अपना नाम दर्ज करवा लिया। स्टे की जमीन को निबन्धक कार्यालय के कर्मचारियों की मिलीभगत से अपनी पत्नी के नाम बैनामा कर दिया। पीडित छः महीने से अधिकारियों की चौखट पर न्याय की भीख मांग रहा है, लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नही है।थक हार कर तहसीलदार न्यायालय पर वाद प्रस्तुत कर न्याय की मांग की है।
जरवल विकास खण्ड के ग्राम पंचायत रूदाइन के मजरा खिजरापुर निवासी शरीफ पुत्र सब्बन अपने परिवार के साथ रोजी रोटी के लिए मुम्बई में प्राइवेट काम करते है। इनके पिता सब्बन की मृत्यु 12 दिसम्बर 2018 को मुम्बई के ठाणे अस्पताल में इलाज के दौरान हो गयी थी। पिता की मृत्यु के पश्चात कूटरचित अभिलेख तैयार कर छोटे भाई मजीत उर्फ छोटे ने सम्पूर्ण जमीन अपने और अपनी बहन राबिया खातून के नाम वरासत करवा ली। मुम्बई से घर आए शरीफ को गांव के लोगों ने धोखाधड़ी की जानकारी दी। शरीफ ने डीएम, एसपी समेत उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई। पीडित महीनों से पैतृक जमीन में अपना नाम दर्ज करवाने के लिए दौड रहा है,
लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नही है। पीडित ने तहसीलदार कैसरगंज के यहां वाद दायर कर पूर्व में की गयी वरासत निरस्त कर पिता की सम्पत्ति में बराबर हिस्सा दिलाने की मांग की है। तहसीलदार कोर्ट ने 18 दिसम्बर 22 के वरासत आदेश पर 10 अप्रैल को रोक लगा दिया और आदेश को खतौनी में अंकित करने का आदेश दिया। पीडित न्याय के लिए अधिकारियों की चौखट पर दर दर की ठोंकरे खाने को मजबूर है,लेकिन अधिकारी मूकदर्शक बने हुए है।
स्थगन आदेश के बावजूद हो गया जमीन का बैनामा
जरवल। तहसीलदार कोर्ट का 10 अप्रैल 24 का स्थगन आदेश खतौनी पर अंकित होने के बावजूद निबन्धक कार्यालय कैसरगंज से मिलीभगत कर कूटरचित अभिलेख लगाकर मजीत उर्फ छोटू ने अपनी पत्नी साहिबा खातून के नाम 22 जून 24 को विवादित जमीन का बैनामा कर दिया।
बैनामें में पत्नी की जगह साहिबा खातून पुत्री इस्तिखार अहमद दिखा दिया। पीडित ने धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक से मुकदमा दर्ज कराने की गुहार लगाई है। रजिस्टार कैसरगंज प्रज्ञा यादव ने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।