बरेली : पाकड़ के पेड़ पर बना खूबसूरत ट्री हाउस

दैनिक भास्कर ब्यूरो

बरेली। हर इंसान की जिंदगी के लिए ऑक्सीजन काफी जरूरी होती है। ये भी सभी जानते हैं ऑक्सीजन पेड़ से मिलती है मगर, इसके बाद भी लोग पेड़ों का कत्ल कर रहे हैं घर, रोड, और अन्य निर्माण कार्यों के लिए हर दिन लाखों पेड़ों का कत्ल होता है, लेकिन बरेली जनपद की बहेड़ी तहसील के चचेट गांव निवासी नवाब राशिद खां ने घर बनाने को पेड़ नहीं काटा बल्कि कुदरत से प्यार करने वाले नवाब राशिद खां ने 80 वर्ष पुराने पाकड़ के पेड़ पर आलीशान आशियाना यानी ट्री हाउस बनाया है। और ये दिल बहलाने वाला ‘ट्री हाउस’ ही नहीं, बल्कि एक खूबसूरत आशियाना है। उनके पर्यावरण प्रेमी आर्किटेक्ट भतीजे आमिर खां ने डिजाइन किया है।

इसकी एक भी टहनी भी नहीं काटी गई है। आर्किटेक्ट ने अपनी जरूरतों के साथ-साथ पेड़ का भी पूरा ख्याल रखा है। उन्होंने पेड़ की टहनियों के हिसाब से घर डिजाइन किया है। किसी टहनी को सोफे की तरफ यूज किया है, तो किसी को टीवी स्टैंड, और वॉशरूम के लिहाज से। यह घर पेड़ पर है, लेकिन इसमें किचन, बाथरूम, बेडरूम, डाइनिंग हॉल आदि सुविधाएं हैं। पर्यावरण प्रेमी जिला पंचायत सदस्य राशिद खां की कृषि भूमि में करीब एक लाख पेड़ हैं। उनकी आलीशान कोठी भी है। वह हर दिन लोगों को पौधारोपण के साथ ही पेड़ बचाने के सलाह देते हैं।

घर की सीढियां भी खास

‘ट्री हाउस’ के अंदर जाने वाली सीढ़ियां भी खास हैं। इस घर को बनाने में कहीं भी सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया गया। इसे स्टील स्ट्रक्चर, सेल्यूलर, और फाइबर शीट से बनाया गया है। नवाब राशिद खां बताते हैं कि इस घर की एक खासियत ये है कि जब तेज हवा चलती है, तो ऐसा लगता है कि ये झूल रहा है।

आप भी बना सकते हैं पेड़ पर ट्री हाउस

अपने घर के पेड़ों को काटने के बजाय ट्री हाउस बना सकते हैं। उस पेड़ को इस तरह से काटना पड़ेगा। जिससे चढ़ने के लिए उसकी डालें ही सीढियों की तरह हमें उपलब्ध हो जाएं। पेड़ों को ऐसे स्थान पर लगाएं, जहां पर थोड़ा सा उसको फैलने के लिए जगह मिल सके। इसके बाद तना चौड़ा हो जाएगा। इसकी डाल जमीन पर उतर कर झोपड़ी की तरह व्यवस्थित हो जाएंगी।

औषधि की तरह काम करता है पाकड़

पाकड़ का पेड़ औषधि का काम करता है। इसके साथ ही पंचवटी यानी वट, पीपल, करील और रसाल भी शामिल है। यह सभी पेड़ पाकड़ मानव शरीर के साथ पर्यावरण के लिए काफी फायदेमंद है। सैकड़ों वर्ष तक जीवित रहने,और किसी भी परिस्थिति में पनपने की क्षमता है। सबसे कम पतझड़ काल, सर्वाधिक पत्तियों के कारण पाकड़ बढ़ती उम्र के साथ आक्सीजन उत्सर्जन बढ़ाता है।

पाकड़ जुझारू पेड़

पेड़ों में पाकड़ को जुझारू पेड़ माना गया है। इसकी शाखा भी पनप जाती है। इसका पेड़ घना होकर शीतल छाया देता है। अधिक उम्र तक जीवित रहने, अधिक पत्तियों और सबसे छोटा पतझड़ काल होने के कारण पाकड़ में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया हमेशा होती है। इसमें आक्सीजन उत्सर्जन अधिक होता है।

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