सुख दुख से ऊपर की अवस्था होती है भक्ति – सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज

भास्कर समाचार सेवा

नजीबाबाद।नजीबाबाद में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवम निरंकारी राजपिता जी के सानिध्य में विशाल संत समागम का दिव्य आयोजन हुआ। जिसमें हज़ारों की संख्या में अनुयायियों का जन समूह उमड पड़ा और उन्होंने सतगुरु के दर्शनों एवम पावन प्रवचनों को सुनकर आनंद प्राप्त किया।संत समागम में भक्तों के विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए सतगुरु माता जी ने अपने विचारो में कहा कि भक्ति सुख दुख से ऊपर की अवस्था होती है।भक्त और भगवान का नाता ब्रह्मज्ञान के बाद जुड़ जाता है। ब्रह्म ज्ञान के बाद भक्त को भगवान हर समय हर जगह महसूस होता है। फिर इंसान को सुख-दुख का कोई फर्क नहीं पड़ता वह हर समय आनंद और सुकून का जीवन जीते हुए भक्ति की अवस्था को प्राप्त करता है।ये जो मानव तन हमें परमात्मा की कृपा से प्राप्त हुआ है। उसको पहचानकर वास्तविक मुनष्य बनकर जीवन जिए। यह जो परमात्मा है जिसने इस संपूर्ण सृष्टि और हम इंसानों की रचना की है उसकी जानकारी ब्रह्मज्ञान से प्राप्त करके उसे हृदय में बसाना है। इस परमात्मा के एहसास में जितना अधिक हम रहेंगे उतना ही अधिक मानवीय गुण हमारे जीवन में आते रहेंगे और हमारा मन प्रेमा भक्ति में तल्लीन रहेगा।माता जी ने फरमाया की जब हमारे मन में केवल प्रेम का ही भाव रहेगा तो हम स्वयं ही प्रेम बन जायेंगे तथा सभी को प्रेम ही बाटेंगे। फिर कोई अच्छा कहे या बुरा हमारी वाणी से केवल प्रेम रूपी शब्द ही निकलेंगे क्योंकि जब हम भक्त हैं तो केवल कुछ पलों के भक्त नहीं अपितु हर समय के भक्त बन जाते हैं। जब हर कार्य इस परमात्मा के एहसास में किया जाए फिर चाहे अपने आसपास के दोस्तों मित्रों के घर परिवार के अंदर भी हम रोजाना जिंदगी के ही कुछ पहलू क्यों नहीं बिता रहे हो हमारे आचरण में जब प्यार है, मन में प्यार है तो वह कार्य भी सेवा बन जाता है ।जब इस निराकार के दर्शन हो जाते है तो फिर जीवन कैसा भी हो, कोई भी स्थिति हो एक आनंद की अवस्था में ही हमारा जीवन व्यतीत होता जाता है।कहा कि इस संसार की हर वस्तु परमात्मा के अलावा माया है इसलिए अपने आप को माया के प्रभाव में इतना भी नही डालना है कि फिर परमात्मा के लिए समय ही न बचे।अतः किसी भी कार्य को करते समय हर पल में प्रेम और भक्ति का भाव सभी के लिए अपने मन में रखना है।हम सब भक्ति के भाव से शराबोर निरंतर महापुरुषों के वचन गीत श्रवण कर रहे थे की किस प्रकार अपने भक्ति वाले भावों और प्रेम का जिक्र किया। जीवन को मंजिले तक पहुंचाने का जिक्र किया की जिस कार्य को करने के लिए बड़े भागों से मानव तन प्राप्त हुआ है उस कार्य को कर लिया जाए अपनी मंजिले को प्राप्त कर लिया जाए।नजीबाबाद के मुखी मोहन खुराना एवं जोनल इंचार्ज संजीव अग्रवाल ने सतगुरु माता सुदिक्षा जी महाराज एवम निरंकारी राजपिता जी का सभी श्रद्धालुगणों को अपना आशीर्वाद देने हेतु आभार व्यक्त किया। साथ ही प्रशासन और गणमान्य अतिथियों के सहयोग हेतु भी धन्यवाद प्रकट किया।

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