कोलकाता में बवाल : ममता के धरने की वजह से लाखों परीक्षार्थी का हुआ हाल बेहाल 

कोलकाता, । विपक्षी पार्टियों के खिलाफ कथित तौर पर सीबीआई के इस्तेमाल के विरोध में रविवार रात से धरने पर बैठी ममता बनर्जी के समर्थन में राज्य भर में तृणमूल कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन और ट्रेन रोकने की शुरुआत कर दी है। इससे लाखों परीक्षार्थी मुश्किल में पड़ गए हैं। दरअसल सोमवार को कोलकाता समेत राज्य के अन्य हिस्से में रेलवे सुरक्षा बल (‍आरपीएफ) भर्ती की परीक्षा होनी है। इसमें सुदूर बंगाल के विभिन्न हिस्सों समेत देश के अन्य राज्यों से भी परीक्षार्थी पहुंच रहे हैं। पहली परीक्षा सुबह 10:30 बजे से शुरू होने वाली थी लेकिन हावड़ा और सियालदह मंडल में अप और डाउन ट्रेनों को तृणमूल समर्थकों द्वारा रोक दिए जाने के कारण बड़ी संख्या में परीक्षार्थी रास्ते में ही फंस गए हैं। यहां तक कि कई राष्ट्रीय राजमार्गों को भी तृणमूल समर्थकों ने रोक दिया है जिससे बसों की आवाजाही भी ठप हो गई है।
रेलवे सूत्रों के अनुसार हुगली जिले के तारकेश्वर, हावड़ा के डोमजूर, उत्तर 24 परगना के बनगांव और अन्य सेक्शन में लोकल ट्रेनों की सेवा तृणमूल कार्यकर्ताओं ने रोक दी है। उन ट्रेनों में हजारों की संख्या में परीक्षार्थी सवार थे। आरपीएफ परीक्षा की दूसरी शिफ्ट दोपहर 2:30 बजे से होनी है। परीक्षार्थियों को डर है कि उस समय भी बड़ी संख्या में तृणमूल कार्यकर्ता ट्रेनों को रोकेंगे। पूर्व रेलवे की ओर से बताया गया है कि तृणमूल कार्यकर्ताओं के ट्रेन रोकने की वजह से हुगली में 5 और अन्य क्षेत्रों में चार लोकल ट्रेनें करीब डेढ़ घंटे की देरी से चल रही हैं। अन्य ट्रेनों की भी यही स्थिति है। कुल मिलाकर कहा जाए तो ममता बनर्जी के इस धरने की वजह से लाखों परीक्षार्थी मुश्किल में पड़े हुए हैं। खास बात यह है कि रविवार रात 8:30 बजे के करीब जब ममता बनर्जी धरने पर बैठी थी तब उन्होंने स्पष्ट किया था कि किसी भी तरह से लोगों को परेशानी में डालने वाला विरोध प्रदर्शन नहीं होना चाहिए। उन्होंने साफ कहा था कि कहीं भी रेल अवरोध अथवा सड़क अवरोध नहीं होना चाहिए लेकिन उसके तुरंत बाद हुगली में रिषड़ा नगर पालिका के चेयरमैन विजय सागर मिश्रा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में तृणमूल कार्यकर्ताओं ने ट्रेन रोक दी थी और सुबह से ही राज्य भर में तृणमूल कार्यकर्ताओं ने इसी तरह से विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। सोमवार सुबह ममता ने एक बार भी इन प्रदर्शनों को रोकने का कोई निर्देश नहीं दिया है।

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