बजट 2019: सियासी गलियारों में मची उथलपुथल, एक क्लिक में देखिये क्या बोले पक्ष-विपक्ष के धुरंधर..

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने मध्यवर्गीय नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ा ऐलान किया है। सरकार से मिली इस राहत से तीन करोड़ मध्यमवर्गीय लोगों को फायदा मिलेगा।

शुक्रवार को संसद में अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री गोयल ने मध्यमवर्गीय नौकरीपेशा लोगों को आयकर में बड़ी छूट देते हुए सीमा ढाई लाख रुपये सालाना से बढ़ाकर 5 लाख रुपये सालाना करने का प्रस्ताव रखा। यानि अब 5 लाख रुपये सालाना तक आय वालों को आयकर नहीं देना होगा। इसी तरह 5 लाख के बाद 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर आयकर में छूट मिलेगी। इसके अलावा 2 लाख रुपये तक की छूट स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर खर्च एवं लोन पर मिलेगी। इतना ही नहीं, बैंक और पोस्ट ऑफिस में जमा राशि पर टीडीएस की सीमा 10,000 से 40,000 रुपये तक बढ़ा दी गई है।इसी तरह दो मकान का मालिकाना हक होने पर भी टैक्स से छूट देने का एलान किया गया है। इतना ही नहीं, मकान को बेचकर कहीं और उसी राशि से दो मकान खरीदने पर अब टैक्स से छूट मिलेगी

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बजट को चुनावी घोषणाओं से परिपूर्ण बताया

भोपाल । केन्द्र सरकार ने शुक्रवार को सदन में अंतरिम बजट पेश किया। लोकसभा चुनाव से पहले पेश हुए आखिरी बजट से काफी उम्मीदे लगाई जा रही थी। एक ओर जहां भाजपा ने बजट को जनहितैषी और विकासशील बताया है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस बजट को निराशाजनक बता रही है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बजट को ऊंट के मुंह में जीरा बताया है। उन्होंने कहा कि उम्मीद थी की आज आखरी बजट जनता को बड़ी राहत प्रदान करने वाला होगा, लेकिन जिस तरह पिछले पांच वर्षों से यह सरकार जनता को अच्छे दिन नहीं दिखा पाई। इस आखरी बजट में भी यह उम्मीद खत्म हो गई। आज पेश बजट पूरी तरह से चुनावी घोषणाओं से परिपूर्ण बजट है।
कमलनाथ ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बजट में घोषित कई बातें चुनावी फ़ायदे के लिए है। कार्यकाल के आखरी समय में ही किसान, मजदूर, गरीब, गोमाता की याद आई। पूरे कार्यकाल में इन वर्गों को सिर्फ छला गया। किसानो को कर्ज से उबारने के लिए, युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए, नोटबंदी से जीएसटी से तबाह व्यापारियों को राहत प्रदान करने के लिए कोई ठोस प्रावधान इस बजट में नहीं किए गए है। किसानो के लिए घोषित राशि ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। पिछले वर्षों की तरह मोदी सरकार का यह बजट एक छलावा, जुमला साबित होगा।

बजट प्रतिक्रिया : 2030 के 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के अनुरूप : राजनाथ

केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि इस बार का बजट आत्मविश्वास, आत्मनिर्भर, विकसित और समृद्धी से भरे नए भारत के निर्माण की प्रक्रिया को गति देने वाला है। यह 2030 तक भारत को 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की सोच और नीति के अनुरूप है।
ट्वीटर के माध्यम से गृहमंत्री ने कहा कि एक तरफ यह बजट हमारे देश के सामाजिक ढांचे को सहारा देता है और दूसरी तरफ आर्थिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करता है। रक्षा, कृषि, उद्योग, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों को बड़ा बढ़ावा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारें किसानों को अस्थायी राहत देती थी लेकिन प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना सभी छोटे किसानों को स्थायी आय सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने आगे कहा कि बजट न केवल विकास के अनुकूल है, बल्कि मध्य वर्ग, किसानों, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और हमारे समाज के अन्य कमजोर वर्गों पर भी विशेष ध्यान देता है।

सरकार ने बजट में छक्का मारा, गेंद ढूंढते रह जायेंगे विपक्षी नेता: पासवान

 केन्द्रीय मंत्री और लोकजन शक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान ने बजट प्रावधानों का स्वागत करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने ऐसा छक्का मारा है कि विपक्षी दल गेंद ढूंढते रह जायेंगे।
वित्त मंत्री पीयूष गाेयल द्वारा शुक्रवार को लोकसभा में पेश अंतरिम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री पासवान ने कहा , “ सरकार ने ऐसा छक्का मारा है कि विपक्षी नेता चुनाव तक गेंद ही ढूंढते रह जायेंगे।” उन्होंने कहा कि यह दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक है । पहली सर्जिकल स्ट्राइक जवानाें ने सीमा पार ‘बुलेट’ से की है और यह दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक है जो ‘बैलट’ से होगी। उन्होंने कहा कि आम चुनाव में राजग सरकार को 400 सीटें मिलेंगी।
उन्होंने कहा कि किसी ने सोचा था कि आयकर में छूट की सीमा 5 से 6 लाख हो जायेगी या किसानों को इस तरह की सौगात दी जायेगी।
बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर पाँच लाख रुपये कर दी गयी है जिससे करीब तीन करोड़ करदाताओं को लाभ होने की उम्मीद है।

केंद्रीय बजट में मध्यम वर्ग के साथ किसान, मजदूर व नौकरीपेशा लोगों को बड़ी राहत : अभिमन्यु

हरियाणा सरकार के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने केंद्रीय बजट को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि नया भारत बनाने की दिशा में यह बजट मील का पत्थर साबित होगा। इस बजट में देश के मध्यम वर्ग, किसानों, मजदूरों, नौकरीपेशा लोगों को बड़ी राहत दी गई है।
कैप्टन अभिमन्यु ने केंद्रीय बजट पेश होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के प्रति आभार जताया है। उन्होंने कहा कि पिछले सालों में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था को जो दिशा दी है, उससे हम दुनिया की आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
शुक्रवार को बातचीत के दौरान कैप्टन ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रस्तावित बजट में पांच लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय पूरी तरह से कर मुक्त रखी गई है। इसके साथ ही डेढ़ लाख रुपये तक सालाना की अलग से बचत भी की जा सकेगी। इस लिहाज़ से 6.5 लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय पर अब कोई कर नहीं देना होगा। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत कर छूट का दायरा बढ़ने से तीन करोड़ करदाताओं को 18,500 करोड़ रुपये तक का कर लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। आर्थिक सुधारों के बाद सबसे ज्यादा जीडीपी ग्रोथ हुई और राजकोषीय घाटे पर लगाम लगी है।

कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि केंद्र सरकार की ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत अबतक 10 लाख मरीजों का उपचार किया जा चुका है। देश में 21 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान स्थापित किए गए हैं और 22 वां एम्स हरियाणा में स्थापित किया जाने का प्रस्ताव किया गया है। इसके लिए उन्होंने हरियाणावासियों की तरफ से केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। कैप्टन ने कहा कि करीब 5 एकड़ तक की जमीन वाले किसानों के खाते में हर साल 6 हजार रुपये देने की ऐतिहसिक योजना से करीब 12 करोड़ किसान परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा।
उन्होनें कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए रक्षा बजट 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक रखा गया है, जो अब तक किसी भी साल की तुलना में सबसे अधिक है। सरकार ने वन रैंक, वन पेंशन लागू की है और अब तक 35,000 करोड़ रुपये से अधिक का वितरण कर चुकी है। कैप्टन ने ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने, श्रमिकों की मौत पर 6 लाख रुपये देने और 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के मजदूरों को 3 हज़ार रुपये महीना पेंशन देने की घोषणा पर भी आभार जताया है।

वित्तमंत्री के पिटारे से नौकरी पेशा वर्ग को मिली बड़ी सौगात, किसान एवं श्रमिकों का भी रखा ख्याल

नई दिल्ली. केंद्र की मोदी सरकार ने चुनावी दंगल में उतरने से पहले मध्यम वर्ग, वेतनभोगी वर्गो और श्रमिकों को बड़ी राहते देते हुए न सिर्फ उन्हें तोहफों से नवाजा बल्कि आम चुनाव को ध्यान में रखकर अपना भी सियासी गणित साधने का भरसक प्रयास किया है। वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने अपने अंतरिम बजट के पिटारे से मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों के लिए तोहफों की बरसात करते हुए आयकर दरों में बड़ा बदलाव करने की घोषणा की। गोयल ने कहा कि अब पांच लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए आयकर की सीमा को दोगुना कर जहां उसे पांच लाख रुपये करने का ऐलान किया वहीं उन्होंने कहा कि डेढ़ लाख रुपए तक की बचत पर भी कोई कर नहीं लगेगा। इस तरह गोयल ने नौकरीपेशा लोगों को 6.5 लाख रुपए तक की आय पर छूट देने का ऐलान किया। गोयल ने जब अपने भाषण में यह ऐलान किया तो पूरा सदन तालियों कीगड़गड़ाहट और ‘मोदी-मोदी’ के नारों से गूंज उठा। सदन में उपस्थित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मेज थपथपाकर गोयल की इस घोषणा का समर्थन किया।
वित्त मंत्री ने आयकर सीमा का दायरा बढ़ाने के साथ ही स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40 हजार रुपए से बढ़ाकर 50 हजार रुपए करने का भी ऐलान किया। इतना ही नहीं वित्तमंत्री ने कहा कि अब एफडी पर मिलने वाले 40 हजार रुपए तक के ब्याज पर भी कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा। मालूम हो कि अब तक 10 हजार रुपए तक के ब्याज पर कोई कर नहीं लगता था। गोयल ने सदन में कहा कि इससे मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी।
वित्त मंत्री ने बजट पिटारे से किसानों के लिए बड़ी राहत देते हुए दो हेक्टेयर भूमि की जुताई करने वाने किसानों को सालाना 6000 रुपये, जो तीन किश्तों में सरकार किसान के बैंक खाते में डालेगी। इस योजना को दिसंबर 2018 से लागू कर दिया गया है जिसके तहत पहली किश्त दो हजार रुपये की आम चुनावों से पहले किसान के खाते में जाएगी।
उन्होंने ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ की घोषणा करते हुए कहा कि इससे देश के लगभग 12 करोड़ किसान लाभांवित होंगे और इससे सरकारी खजाने पर सालाना करीब 75 हजार करोड़ रुपये का बोझ आयेगा। उन्होंने कहा कि सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि ’ योजना के तहत किसानों को हर साल 6,000 रुपये की सहायता प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से सीधे किसानों के बैंक खाते में तीन किस्तों में दी जाएगी। किसानों के बैंक खाते में सरकार दो-दो हजार रुपए की तीन किस्तों के जरिए इसका भुगतान करेगी । गोयल ने कहा कि इसकी पहली किस्त अगले महीने की 31 तारीख तक किसानों के खातों में भेज दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ दो हेक्टेयर से कम कृषि भूमि वाले किसानों को मिलेगा। वहीं, वित्तमंत्री ने शहरी-ग्रामीण के बीत के अंतराल को कम करने का इरादा जताते हुए कहा कि देश के गरीबों का देश के संसाधनों पर पहला अधिकार है। उन्होंने कहा कि सरकार ने शहरी-ग्रामीण के बीच की खाई को समाप्त करने की दिशा में काम किया है और गरीबों का देश के संसाधनों पर पहला अधिकार है।
गोयल ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही ग्रेच्युटी की सीमा को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए करने का ऐलान किया। इसके साथ ही असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को के लिए पेंशन योजना शुरु करने की भी घोषणा की। वित्तमंत्री ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना’ के तहत 10 करोड़ मजदूर लाभांवित होंगे तथा इस योजना के तहत मजदूरों को 3,000 हजार रुपए प्रति माह मिलेंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ मजदूरों को 60 वर्ष की आयु के बाद मिलेगा। योजना का लाभ लेने के लिए मजदूरों को प्रति माह 100 रुपए का अंशदान करना होगा जिसके बाद सरकार उन्हें 3,000 रुपए प्रति माह मासिक पेंशन मिलेगी।
गोयल ने मोदी सरकार की उपलब्धियों की फेहरिस्त गिनाते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत 98 प्रतिशत से अधिक ग्रामीणों को स्वच्छता कवरेज के दायरे में लाया गया है तथा लगभग 5.4 लाख गांवों को खुले में शौच मुक्त बनाया गया है।

बजट प्रतिक्रिया : किसान, मजदूर और मध्यम वर्ग की अपेक्षाओं को पूरा करने वाला : अमित शाह

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को सरकार के बजट को किसान, मजदूर और मध्यम वर्ग की अपेक्षाओं को पूरा करने वाला बताया है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आज के बजट ने फिर साबित कर दिया है कि मोदी सरकार देश के गरीबों, किसानों और युवाओं के सपनों और आकांक्षाओं के लिए समर्पित है। बजट में साफ हो गया कि सरकार किसानों के साथ खड़ी है और उनकी आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है।
बजट में की गई घोषणाओं को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि एक लाख गांवों को डिजिटल बनाने से ग्रामीणों को रोजगार और शिक्षा मिलेगी। मध्यम वर्ग के लिए आयकर छूट को 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया है।दो हेक्टेयर से कम भूमि वाले किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6 हजार रुपए सालाना दिए जायेंगे। सरकार इसके लिए 75 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसका लाभ ऋण न लेने वाले किसानों को भी मिलेगा। यह किसानों की आय को दोगुना करने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कामधेनु संवर्धन आयोग बनाकर प्रधानमंत्री ने गौसंवर्धन की दिशा में बहुत बड़ा कदम उठाया है। गायों की नस्ल की सुरक्षा, गौशालाओं के निर्माण और अनेक गौसंवर्धन के उद्देश्यों को पूरा करने में इससे सहायता मिलेगी।
प्रधानमंत्री ‘श्रम योगी मानधन योजना’ से देश के करीब 10 करोड़ से अधिक गरीब श्रमिकों को 60 साल से अधिक उम्र के बाद 3000 रुपए की पेंशन से बहुत लाभ पहुंचेगा। आजादी के बाद पहली बार रक्षा क्षेत्र के लिए सबसे ज्यादा बजट दिया गया है। इससे रक्षा क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है। 

सबके सपनों को पूरा करनेवाला है केन्द्रीय बजट : नित्यानंद राय

। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने केेन्द्रीय बजट 2019 को लोक कल्याणकारी बताते हुए इसे ऐतिहासिक बताया। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि सरकार ने किसानों, मजदूरों और मध्यवर्गीय वेतनभोगियों की चिंताओं को समझकर ऐसा संतुलित बजट बनाया है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बजट 2019 के जरिए समाज के सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है। खुशी की बात है कि किसान और खेती इस सरकार की सोच के केंद्र में रहे हैं। किसानों के लिए संतुलित और कई अच्छी ख़बरों वाला बजट है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजना किसानों के लिए बेहद लाभप्रद है, जहां 2 हेक्टेयर से कम ज़मीन वाले किसानों को तीन किस्तों में सालाना 6000 रुपए सीधे उनके बैंक खाते में दिए जाएंगे। फसली कर्ज को पुनर्निर्धारित करने की जगह सभी किसानों को 2 फीसदी आर्थिक अनुदान दिया जाएगा, जो एक बड़ा कदम है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आयकर की सीमा 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करना स्वागतयोग्य कदम है। अगले वित्तीय वर्ष से लागू होनेवाली इस छूट से तीन करोड़ वेतनभोगी मध्यवर्गीय प्रभावित होंगे। यह सरकार की सर्वसमावेशी नीति को दिखाता है।
नित्यानंद राय ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से सीधे तौर पर 12 करोड़ किसान प्रभावित होंगे, तो असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए महज 100 रुपए अंशदान लेकर 3000 रुपए पेंशन की व्यवस्था सोचना काफी कल्याणकारी कदम है। असंगठित क्षेत्र के करोड़ों मजदूरों के लिए यह चिर-प्रतीक्षित सपने के साकार होने जैसा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पूरी कैबिनेट को इस विकासोन्मुखी और समावेशी बजट के लिए धन्यवाद दिया।

किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने वाला है बजट: योगेंद्र यादव

नई दिल्ली । वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट भाषण में किसानों की आय दोगुना करने का वादा दोहराते हुए किसानों को 6 हजार रुपये सालाना उनके खाते में देने की बात कही। सरकार ने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित होने वाले सभी किसानों को 2 फीसदी ब्याज और समय पर कर्ज लौटाने पर 3 फीसदी अतिरिक्त ब्याज माफी का फायदा देने की बात कही है। इस तरह उन्हें ब्याज में 5 फीसदी की छूट मिलेगी। मंत्री ने इस बजट भाषण में पशुपालन और मछली पालन करने वाले किसानों को भी क्रेडिट कार्ड के जरिए लिए जाने वाले कर्ज के ब्याज में दो फीसदी ब्याज की छूट देने की बात कही गई है। जहां सरकार इन कदमों को किसानों के लिए वरदान बता रही है, वहीं कृषि के जानकर इस बजट को चुनावी बता रहे हैं।
अखिल भारतीय किसान महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि किसानों को उनका पूरा कर्ज माफ होने की उम्मीद थी। त्रिपाठी ने कहा कि किसान सरकार से बड़ी राहत की उम्मीद लगाए बैठे थे लेकिन सरकार ने उन्हें निराश किया है। इस बजट में कुछ भी नया नहीं है और न ही कोई बड़ी राहत है।
स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान के नाम पर किसानों को प्रति वर्ष 6000 रुपये देने की घोषणा की गई। उन्होंने कहा कि सरल भाषा में कहा जाए तो अगर 5 लोगों का परिवार है तो प्रति व्यक्ति 3.33 रुपये प्रतिदिन है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि कम- से- कम चाय का तो दाम दे देते। उन्होंने कहा कि यह बजट किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने वाला है।
भाजपा राष्ट्रीय किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त ने कहा कि यह बजट किसान, नौजवान, गरीब व संपूर्ण देश के नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए पेश किया गया है। मस्त ने कहा कि इस बजट से किसानों के खाते में हर वर्ष 6 हजार रुपये डाले जाएंगे। इससे छोटे किसानों को बड़ा लाभ होगा। वो जरूरत के मुताबिक खाद- बीज सही समय पर खरीद सकेंगे। मस्त ने कहा कि यह राशि किसानों के खाते में जाएगी और किसान बिचौलियों से बचा रहेगा।
उल्लेखनीय है कि यह बजट तीन किस्तों में किसानों को दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि ‘यह योजना 1 दिसंबर 2018 से ही लागू होगी। दो हजार रुपये की पहली किस्त जल्द ही किसानों की सूचियां बनाकर उनके खातों में डाली जाएगी। इससे 12 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। दो हेक्टेयर (करीब 5 एकड़) तक की जमीन रखने वाले किसानों को उनकी आमदनी में सपोर्ट करने के लिए 6000 रुपये प्रतिवर्ष के हिसाब से देने का निर्णय लिया गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने बजट को किसानों एवं मध्यम वर्ग के हित में बताया

 भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने मोदी सरकार के अंतरिम बजट को किसानों और मध्यम वर्ग के हित में बताया है।
चौहान ने ट्विट कर कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने किसान हित में आज तक का सबसे बड़ा क्रांतिकारी फैसला किया है। पांच एकड़ तक की खेती वाले किसानों के खाते में हर साल छह हजार रुपये डाले जाएंगे। इस फैसले के लिए मैं प्रधानमंत्री जी का अभिनंदन व वित्तमंत्री जी को धन्यवाद देता हूं।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने अगले ट्वीट में लिखा, “प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यम वर्ग को इतनी बड़ी राहत दी है, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। पांच लाख रुपये पर अब कोई आयकर नहीं और इसमें बचत करने पर 6.5 लाख तक कोई टैक्स देय नहीं होगा। मध्यम वर्ग को राहत देने वाला यह क्रांतिकारी फैसला है। इस फैसले का स्वागत करता हूं।”

व्यापारियों ने कहा बजट बेहद निराशाजनक

कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने वित्त मंत्री पीयूष गोयल द्वारा शुक्रवार को सांसद में पेश किए गए अंतरिम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की कुल मिलाकर एक अच्छा बजट है लेकिन देश के 7 करोड़ व्यापारियों के लिए बेहद निराशाजनक बजट है।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि बजट में अर्थव्यवस्था के सभी वर्गों को सुविधाएँ दी गई है, लेकिन व्यापारी वर्ग को पूरी तरह नकार दिया गया है। जबकि व्यापारी देश की अर्थव्यवस्था में रीड की हड्डी का काम करते हैं । बजट को देख कर लगता है की व्यापारीअवांछनीय है।

भरतिया एवं खंडेलवाल के मुताबिक दो दिन पहले व्यापारियों के लिए वाणिज्य मंत्रालय में विभाग बनाकर और ई कॉमर्स में एफडीआई पालिसी को आगे न बढ़ाने के सरकार के निर्णय से देश भर के व्यापारियों को बजट से बड़ी उमीदें थी लेकिन बजट में व्यापारियों का कोई जिक्र तक न होने से व्यापारी बेहद निराश हैं। उन्होंने कहा कि वो एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं वित्त मंत्री पीयूष गोयल को नए सिरे से एक ज्ञापन भेजकर व्यापारियों के प्रमुख मुद्दों को सुलझाने का आग्रह करेंगे।

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