नयी दिल्ली। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान तृणमूल तथा अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच उस समय हाथापायी की स्थिति पैदा हो गयी जब हाल में ही तृणमूल कांग्रेस छोडकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए पश्चिम बंगाल की विष्णुपुर लोकसभा सीट के प्रतिनिधि सौमित्र खान अपनी बात रख रहे थे। शून्यकाल के दौरान अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि उन्हें स्थगन प्रस्ताव मिला है लेकिन वे महत्वपूर्ण नहीं है इसलिए उनकी वजह से सदन की कार्यवाही बाधित नहीं की जा सकती लेकिन सदस्यों को उन मुद्दों पर बोलने की वह इजाजत देती हैं। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय का नाम लिया और उन्होंने अपनी बात रखते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है।
इसी क्रम में बीजू जनता दल के भतृहरि महताब ने ओडिशा में सीबीआई कार्रवाई की आलोचना की और कहा कि यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सीबीआई को हथियार बनाकर सरकार विपक्ष की आवाज बंद नहीं कर सकती है। सीबीआई को लेकर विपक्षी दलों के सदस्य जब सरकार पर हमला कर रहे थे तो तृणमूल कांग्रेस के लोग ताली बजाकर उनका स्वागत करते रहे। पूरा माहौल उनके पक्ष में बन रहा था लेकिन इसी बीच मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के मोहम्मद बदरुद्दोजा खान ने कहा कि सीबीआई का इस्तेमाल जरूर हो रहा है लेकिन सुश्री ममता बनर्जी भी अच्छा नहीं कर रही हैं। उन्होंने सवाल किया कि एक मुख्यमंत्री किसी पुलिस अधिकारी के बचाव में इस तरह से कैसे आ सकती हैं। पुलिस अधिकारी मुख्यमंत्री के धरना स्थल पर कैसे बैठ सकता है। यह अच्छा नहीं है। दोषियों को सजा मिलनी ही चाहिए और उन्हें बचाया नहीं जाना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस के सदस्य इससे तिलमिला गए और उसकी सदस्य अपरूपा पोद्दार गलियारा पार कर दूसरी तरफ से बैठे श्री बदरुद्दोजा के पास जाकर उनके माइक को लपक लिया और जोर जोर से सीबीआई की कार्रवाई के विरोध में बोलने लगी। एक ही माइक से बोलने के कारण श्री बदरुद्दोजा और सुश्री अपरूपा ने क्या कहा यह साफ नहीं सुनायी दे रहा था। तृणमूल कांग्रेस और माकपा सदस्य के बैठने की जगह के बीच के गलियारे में कई सदस्यों के आने से हंगामें की स्थिति पैदा हो गयी। इसी बीच अध्यक्ष ने श्री सौमित्र खान को बोलने के लिए कहा। श्री खान ने अपने पुराने स्थान से ही सुश्री ममता बनर्जी के धरने का विरोध किया और आरोप लगाया कि वह एक पुलिस अधिकारी के पक्ष में खड़ा होकर गलत कर रही है।
इससे तृणमूल कांग्रेस के खेमे में खलबली मच गयी। हंगामे के बीच तृणमूल कांग्रेस की काकोली घोष दस्तीदार अचानक श्री खान के माइक के पास पहुंच गईं और हाथापाई करने की मुद्रा में दिखायीं दीं। तृणमूल के कई सदस्य वहां पहले से एकत्र होकर उन्हें रोकने का प्रयास करते रहे लेकिन श्री खान बिना रुके बोलते रहे। डॉ दस्तीदार ने उन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन जब वह बोलते रहे तो डॉ दस्तीदार ने उनकी तरफ थप्पड़ मारने के अंदाज में हाथ उठाया। भाजपा की तरफ से इस पर कुछ सदस्यों ने जोर से बोलना शुरू किया। हंगामा बढते देख श्री खान अपनी बात पूरी किए बिना सत्ता पक्ष की तरफ आ गये आैर वहां से अपनी बात रखी। श्री खान ने पश्चिम बंगाल में संविधान के टूटने की बात भी कही। तृणमूल से निष्कासित एक और सांसद बोलपुर से निर्वाचित श्री अनुपम हाजरा भी श्री खान के समर्थन में नज़र आये। जब तृणमूल कांग्रेस के सदस्य हंगामा कर रहे थे तब श्री हाजरा अपने स्थान पर शांत बैठे थे।
श्री खान ने पिछले वर्ष नवंर में तृणमूल से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये थे। तृणमूल कांग्रेस में पहले उन्हें पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी का करीबी माना जाता था।