भगोड़े नीरव मोदी के करीबी को भारत वापस लाने में CBI को मिली सफलता

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने एक बड़ा ऑपरेशन के जरिए भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी ( Nirav Modi ) के एक सहयोगी को पकड़ने में सफलता हासिल की है। सीबीआई काहिरा से नीरव को सहयोगी सुभाष शंकर को भारत वापस ले आई है। मिली जानकारी के मुताबिक बताया जाता है कि 49 साल का सुभाष शंकर 2018 में नीरव मोदी के साथ भारत से भाग गया था।

तब से सीबीआई उसे देश वापस लाने के लिए कोशिशों में जुटी हुई थी। बता दें कि सुभाष शंकर भी बैंक धोखाधड़ी मामले के आरोपियों में से एक है। बता दें कि, PNB घोटाले मामले में सीबीआई ने नीरव मोदी पर सबूतों से छेड़छाड़ करने और गवाहों को प्रभावित करने का आरोप लगाया था। उस पर अपने कुछ कर्मचारियों को जबर

सुभाष पहुंचाएगा अब नीरव मोदी तक

सुभाष शंकर को नीरव मोदी का सबसे खास माना जाता है। ऐसे में ये उम्मीद जताई जा रही है कि सुभाष के भारत आने के बाद नीरव पर शिकंज कसने में भी सीबीआई को मदद मिलेगी। माना जा रहा है कि, जल्द ही नीरव मोदी को भी भारत लाने के रास्ते साफ हो सकते हैं।

जानिए आगे का मामला

मिली जानकारी के मुताबिक सीबीआई अब सुभाष शंकर को मुंबई कोर्ट में पेश करेगी। यहां से सुभाष की कस्टडी मांगी जाएगी। अपनी हिरासत में लेने के बाद सीबीआई पीएनडी घोटाले मामले में सुभाष शंकर से अहम पूछताछ करेगी।

नीरव मोदी का करीबी माना जाता है सुभाष

बैंक के साथ हुई धोखाधड़ी और घोटाले के दौरान सुभाष शंकर, नीरव मोदी की कंपनी में बतौर डीजीएम (फाइनेंस) के पद पर काम कर रहा था। उसे नीरव मोदी का करीबी और राजदार भी माना जाता है। वर्ष 2018 में इंटरपोल ने पीएनबी घोटाले की जांच कर रही सीबीआई के अनुरोध पर नीरव मोदी, उसके भाई निशाल मोदी और उसके कर्मचारी सुभाष के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था।

जानिए क्या है पूरा मामला

बता दें कि पंजाब नेशनल बैंक घोटाले (PNB Bank Fraud) के आरोपी नीरव मोदी के जिस करीबी सुभाष शंकर परब को सीबीआई काहिरा से मुंबई लेकर आई है। उसे विशेष विमान से लाया गया है। सुभाष के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी हुआ था। पंजाब नेशनल बैंक के 13 हजार करोड़ से ज्यादा के घोटाले में सुभाष शंकर भी आरोपी है।

CBI का क्या है आरोप?

PNB घोटाले मामले में सीबीआई ने नीरव मोदी पर सबूतों से छेड़छाड़ करने और गवाहों को प्रभावित करने का आरोप लगाया था। उस पर अपने कुछ कर्मचारियों को जबरन अपहरण कर काहिरा ले जाने का आरोप भी लगा था।

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