रिश्वत मामले में महुआ मोइत्रा के समर्थन में उतरी कांग्रेस, ये नजारा देख खफा हुई ममता बनर्जी

कोलकाता। नदिया के कृष्णानगर लोकसभा की तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा के लिए पार्टी के बाहर और अंदर भी ‘दबाव’ बढ़ता जा रहा है। संसद में प्रश्न पूछने के लिए एक उद्योगपति से मोटी रकम और उपहार लेने के के आरोप में घिरने के बाद से तृणमूल ने महुआ से दूरी बनाए रखी है।

व्यापारी हीरानंदानी से रिश्वत लेने का आरोप

यह आरोप गुरुवार को तब और मजबूत हो गया जब दुबई स्थित उद्योपति दर्शन हीरानंदानी ने हस्ताक्षरित हलफनामे में महुआ और उनके संपर्कों को स्वीकार किया गया। इसके बाद तृणमूल ने साफ कर दिया कि पार्टी इस मामले में नहीं पड़ेगी। पार्टी के राज्य महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि महुआ के मामले में तृणमूल को कोई टिप्पणी नहीं करेगी।

टिप्पणी करने से बच निकली ममता बनर्जी

पार्टी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देगी। पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। दुर्गा पूजा के उद्घाटन के मौके पर वह पिछले कुछ दिनों से वर्चुअल माध्यम से अपनी बात रख रही हैं, लेकिन महुआ को लेकर एक बार भी कोई टिप्पणी नहीं की। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी कोई टिप्पणी नहीं की है। इससे यह साफ हो गया कि तृणमूल महुआ पर लगे आरोपों से दूरी बनाने का रास्ता अपना रही है, लेकिन इस बार कुणाल ने यह साफ कर दिया।

महुआ के समर्थन ने उतरे प्रदेश अध्यक्ष रंजन

लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता व प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी महुआ मोइत्रा के समर्थन में खड़े हो गए हैं। अधीर ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि महुआ मोइत्रा ने कुछ भी गलत किया है। सांसद सवाल उठाएंगे. लेकिन अगर नापसंदगी का सवाल है तो उन्हें चुप करा दिया जाएगा। किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में ऐसा नहीं हो सकता।

राज्य की राजनीति के संदर्भ में कई लोग सोचते हैं कि अधीर का महुआ के समर्थन में खड़ा होना महत्वपूर्ण है। हालांकि, माकपा सीधे तौर पर महुआ के साथ नहीं खड़ी थी। पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि जिस तरह तृणमूल राज्य में विपक्ष को बोलने नहीं देना चाहती, उसी तरह दिल्ली में भाजपा भी ऐसा चाहती है।

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